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Wednesday 27 April 2016

नौकरी छोड़ी, कार बेची और जुट गए स्वच्छ भारत मुहिम में...

स्वच्छ भारत अभियान के तहत लोग अपनी अपनी कोशिशों में लगें हैं, लेकिन एक शख्स है जो लोगों को ये बता रहा है कि चलती कार से ना थूकें, केले के छिलके या चाय के खाली कप बाहर ना फेंकें। इस शख्स का नाम है अभिषेक मारवाह। इतना ही नहीं कार से चलने वाले लोगों को महत्वपूर्ण सीख देने के लिए अभिषेक ने एक खास तरह के कचरे का डिब्बा डिजाइन किया है जिसे कोई भी अपनी कार में बिना किसी दिक्कत के रख सकता है और कूड़े को कार से फेंकने की जगह उस डिब्बे में भर सकता है। बार बार इस्तेमाल होने वाले इस डिब्बे को वो अब देश के कोने कोने में पहुंचाने में लगे हैं।


पेशे से इंजीनियर अभिषेक मारवाह ने दो साल तक विभिन्न कंपनियों में काम किया। करीब चार साल पहले उन्होंने एक किताब में पढ़ा था कि जो व्यक्ति कचरा इधर-उधर फेंकता है वो वास्तव में मानवता पर ये कचरा फेंकता है। ये बात अभिषेक मारवाह के दिल में घर कर गई थीं। इसलिए वो जब भी कहीं बाहर होते तो टॉफी के रैपर, चाय के कप और टिशू पेपर जैसी दूसरी चीजों को सड़क पर फेंकने की जगह गाड़ी में या अपने पास रख लेते थे इसके बाद सही जगह पर उनको फेंक देते थे। इसके अलावा उन्होंने महसूस किया था कि वो जब भी दूसरे देश में जाते थे तो हर चीज का इस्तेमाल सोच समझ कर करते थे और बेकार की चीजों को इधर उधर नहीं फेंकते थे, लेकिन देश लौटते ही उनके अंदर की ये सोच गुम हो जाती थी। तब अभिषेक को लगा कि अकेले ही सही उन्हें अपने आसपास के वातावरण में साफ सफाई का काम करना होगा।


अभिषेक ने देखा की अक्सर काम में लोग सफर करते हुए काफी कुछ खाते पीते हैं और उस दौरान सारा कचरा सड़क पर फेंक देते हैं। ऐसे में क्यों ना कुछ ऐसा किया जाये जो लोगों के लिये ना सिर्फ सुविधाजनक हो बल्कि वो अपना कचरा सड़क पर भी ना फेंके। इसके लिए उन्होंने लंच बॉक्स के डिब्बे में थोड़े बदलाव कर एक कचरे का ऐसा डिब्बा तैयार किया जिसे गियर के साथ लटकाया जा सकता है। लोगों में सफाई के प्रति जागरूकता लाने के लिए अभिषेक ने खुद एक वेबसाइट बनाई और सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया। अभिषेक ने बताया कि कैसे उनका डिजाइन किया कचरे का डिब्बा गाड़ी में रख बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता है। इस दौरान लोगों से मिली प्रतिक्रिया काफी चौकाने वाली थी। इस दौरान इनको पता चला कि लोग ये नहीं जानते थे की कार में कचरे का डिब्बा रखना कितना जरूरी है। इसके बाद अभिषेक ने अपनी नौकरी छोड़ दी और लोगों को ये समझाने में लग गये कि अपने आसपास साफ सफाई कितनी जरूरी है। अभिषेक का कहना है,
“अगर हम अपनी कार से बाहर कचरा ना फेंके तो सड़क का करीब 40 प्रतिशत कचरा हम कम कर सकते हैं।”


लोगों में सफाई के प्रति जागरूकता लाने के लिए अभिषेक स्कूल, कॉलेज और कॉरपोरेट ऑफिस में अब तक कई सेमिनार कर चुके हैं। इसके अलावा दिल्ली में होने वाले ‘राहगीरी’ जैसे कार्यक्रम और विभिन्न शहरों के नगर निगम को अपने साथ जोड़ने का काम कर रहे हैं। अभिषेक के मुताबिक 
“जब कचरे का डिब्बा हम अपने टॉयलेट में रखना जरूरी समझते हैं तो क्यों नहीं कार में उसे रखते।” 

इसलिए अब इनकी कोशिश कार के अलावा ऑटो रिक्शा में भी कचरे का डिब्बा रखने की है। फिलहाल ये इसके डिजाइन पर काम कर रहे हैं।


अभिषेक ने कार के लिये जो कचरे का डिब्बा डिजाइन किया है उसमें से केले के छिलके की बदबू कार में नहीं फैलती, उसमें चाय का कप रख सकते हैं। वो खास तरह की प्लास्टिक का बना होता है जिसे धो कर दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है। आज इनके डिजाइन किये इस कचरे के डिब्बे की डिमांड देश के विभिन्न हिस्सों से आती है। अभिषेक का कहना है कि स्वच्छ भारत अभियान का हिस्सा बनने के लिये लोगों का ये मानना होता है कि एक हाथ में झाडू होना चाहिए और उसके लिए कोई खास जगह चाहिए जहां पर ये काम किया जा सके, लेकिन हम फैसला करें कि हम कार से बाहर कचरा नहीं फेकेंगे और सफर के दौरान पैदा हुए कचरे को हम तब तक कार में ही रखेंगे जब तक उसे फेंकने के लिए सही जगह नहीं मिल जाती, तब भी हम वास्तव में स्वच्छ भारत अभियान का हिस्सा होंगे। उनका कहना है, 
"लोग अगर इस तरह अपनी आदतों में थोड़ा थोड़ा बदलाव ला सकें तो हमारा देश भी साफ और सुंदर हो सकता है।"


अभिषेक के मुताबिक देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी लोग ये नहीं समझते कि कार में कचरे का डिब्बा होना कितना जरूरी है। वो बताते हैं कि दुबई जैसे शहर में कार से बाहर कचरा फेंकने पर कड़ा जुर्माना है, बावजूद इसके वहां के लोग नहीं जानते कि कार में कचरे का डिब्बा होना चाहिए। इसलिए उनका मानना है कि लोगों के बीच जागरूकता की काफी कमी है। अभिषेक के मुताबिक उनके डिजाइन किये इस कचरे के डिब्बे को कोई भी वेबसाइट, व्हट्सऐप के जरिये केवल 235 रुपये में ऑर्डर कर सकता है। इस कीमत में डिलीवरी लागत भी शामिल होती है। 


अभिषेक के मुताबिक, "इस काम को शुरू करने के लिए ना सिर्फ अपनी बचत का पैसा लगाना पड़ा बल्कि अपनी कार तक बेचनी पड़ी। मैं एक ओर जहां लोगों में गंदगी को लेकर जागरूकता पैदा करने की कोशिश कर रहा हूं वहीं अपनी वेबसाइट के जरिये लोगों से साफ सफाई को लेकर नये नये आइडिया मांग रहा हूं। अगर कोई आइडिया मुझे पसंद आया और उसका उत्पाद बनाया गया तो बदले में डिजाइन बनाने वाले को उसकी रॉयल्टी देने को तैयार हूं।"

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