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Wednesday 7 December 2016

Hi, Friends I’m Nisha Kaushik and आज हम बात करते है नीविया ब्रांड की | दोस्तों ! क्या आप जानते है कि नीविया क्रीम को तैयार नहीं किया गया था बल्कि नीविया का तो आविष्कार हुआ था नीविया एक नवाचारी प्राडक्ट है और इसका नाम भी बहुत अनूठा रखा गया |
सबसे प्रसिद्ध त्वजा की देखभाल ब्रांड के जन्म की शुरुआत दुनिया में तकरीबन 125 साल पहले चिन्हित की गई | नीविया एक Brilliant research वाला,Outstanding Creativity वाला और एक अच्छे कौशल व्यापर वाला उत्पाद है फार्मासिस्टपॉल बेर्सडोर्फ़ ने नीविया का फार्मूला तैयार किया | नीविया क्रीम तेल और पानी पर आधारित पहली क्रीम थी | इस क्रीम के फार्मूले को बनाने के लिए फार्मासिस्टपॉल कार्ल ने कई वर्षों तक शोध किया | नीविया शब्द लैटिन भाषा के ‘Niveus’ शब्द से लिया गया जिसका अर्थ होता है “सफ़ेद बर्फ” इस क्रीम का नाम नीविया इसलिए रखा गया क्योंकि यह क्रीम सुंदरता बढ़ाने और त्वजा को साफ करने का दावा करती थी
नीविया ब्रांड की एक खासियत यह भी है कि हर देशवासी इसे अपने ही देश का प्राडक्ट समझता है | नीविया ब्रांड को बनाने वाली जर्मन कंपनी बेर्सडोर्फ़ की शुरूआती कहानी बहुत interesting है पॉल कार्ल बेर्सडोर्फ़ ने 28 मार्च 1882 को बेर्सडोर्फ़ कंपनी की स्थापना की | उस समय यह कंपनी सौन्दर्य प्रसाधन नहीं,बल्कि मेडिकल प्लास्टर बनाती थी | कंपनी के आठ साल बाद कॉल बेर्सडोर्फ़ ने अपनी कंपनी सन 1890 में आस्कर ट्रोप्लोविट्ज को बेच दी |
    फिर बेर्सडोर्फ़ कंपनी को खरीदने के बाद आस्कर ट्रोप्लोविट्ज ने सोचा कि मेडिकल केयर प्राडक्ट्स की जगह क्यों न कॉस्मेटीक केयर प्राडक्ट्स बनाये जायें,तब उन्होंने सबसे पहले उन्होंने होठों की सुन्दरता को बढ़ाने वाली लिय बाम “लेबेलो” के नाम से सन 1909 में बाजार में उतारी | “लेबलो” लिपबाम आज भी  बेर्सडोर्फ़ का एक  लोकप्रिय ब्रांड है लेकिन फिर भी,आस्कर ट्रोप्लोविट्ज जानते से कि स्किन क्रीम के बिना कॉस्मेटीक केयर के क्षेत्र में शिखर पर पहुंचा जा सकता है | इसलिए उन्होंने 1911 में नीविया क्रीम को बाजार में उतारा गया और इसी नीविया क्रीम ने कंपनी की किस्मत को बदल दिया |ऐसा होने का एक कारण यह भी था कि इससे पहले एनिमल और वेजिटेबल फैटस पर आधारित क्रीम ही बाजार में उपलब्ध थी और यह पहली क्रीम थी जो तेल और पानी पर आधारित थी |
    बाजार में उतरने के तीन साल में ही नीविया 34 देशों में बिकने लगी बेर्सडोर्फ़ कंपनी को 1929 में हैमबर्ग में हैमबर्ग स्टॉक एक्सचंग में लिस्ट किया गया | लाइन एक्सटेंशन करने से नीविया के प्राडक्ट रेंज बढ़ी और नीविया के नाम से सनैटन लोशन,रोविंग क्रीम,शैम्पू और फेशियल टोनर भी बनने लगे | नीविया का पहला डिओडरेट सोप 1951 में और 1955 में नीविया की हैंडक्रीम बाजार में उतारी गई | आज नीविया को प्राडक्ट पोर्टफोलियो में 500 से अधिक प्राडक्ट्स हैं |
    नीविया क्रीम की सफलता को अनुमान यहीं से लगाया जा सकता है कि 1911 में नीविया क्रीम के सिर्फ 1200 टिन ही बिके थे,जबकि आज नीविया क्रीम के 15 करोड़ से भी ज्यादा टिन हर साल बिकते हैं जब नीविया  क्रीम तैयार की गई यह केवल जर्मनी में ही बिकती थी,जबकि आज नीवीया क्रीम को 200 से भी अधिक देशों में पाया जाता है |
    जब दिसम्बर 2011 में नीविया क्रीम को बाजार में उतारा गया तो उसके टिन का रंग पीला था | फिर 1925 में नीविया क्रीम को गहरे नीले टिन में रिलान्ज किया गया | उसके बाद में नीविया क्रीम के टिन पर बहुत बदलाव हुए,लेकिन नीविया की कलर ब्रान्डिंग नहीं बदली जिससे निविया  की एक अलग पहचान बनी हुई है |

सन 1941 में 2nd World war में जर्मनी की हार को बाद बेर्सडोर्फ़ कंपनी के सभी अन्तर्राष्ट्रीय ट्रेडमाकर्स को छिन लिया गया | लेकिन फिर बेर्सडोर्फ़ कंपनी के धीरे-धीरे आपने सभी ट्रेडमाकर्स को दोबारा खरीदा और सन 1997 में पोलैड  में अपना अंतिम विदेशी ट्रेडमार्क खरीदने के बाद आब एक बार फिर बेर्सडोर्फ़ कंपनी पुरे संसार में नीविया ट्रेडमार्क की स्वामी बन चुकी है |
    सन 2008 में नीविया की बेवसाइट www.nivea.com बनाई गई और नीविया की हर देश के लिए एक Local वेबसाइट भी बनाई है|
    सन 2011 हैमबर्ग में जहाँ से नीविया ब्रांड का इतिहास शुरू हुआ था में दुनिया भर के प्रशंसकों ने नीविया ब्रांड की 100 वीं वर्षगांठ मनाई |


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