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Friday 27 November 2015

कभी रोहतक में रिक्शा चलाते थे अब लंदन के घर-घर में इनका जलवा

रवि शर्मा
लंदन। हालाँकि वह पहले भी चर्चा में रहे हैं, लेकिन इनदिनों एकाएक सुर्ख़ियों में आ गए हैं। वजह ये की उन्होंने लंदन के वेम्बले स्टेडियम में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समारोह में मंच का बखूबी संचालन किया। रवि शर्मा, यही नाम है उनका। इन दिनों गूगल, फेसबुक और ऐसे ही अन्य माध्यमों पर लोग उनके बारे में सर्च कर रहे हैं। और करें भी क्यों न ! रवि शर्मा का जीवन बहुत से कठिनाइयों की राह से गुजर कर लंदन सफलता की मंजिल तक पहुंचा है। गौर कीजियेगा, कभी वह भारत के रोहतक में रिक्शा चलाते थे। लेकिन अपनी मेहनत और योग्यता से लंदन के रेडियो जॉकी के रूप में छा गए और वहां के घर-घर में अपनी आवाज की बदौलत जाने-पहचाने जाते हैं। 
बहुत कठिनाइयों में गुजरा बचपन 
रोहतक के बखेता गांव के निवासी रवि का बचपन बहुत कठिन था। पिता टीचर थे लेकिन घर का खर्च चल नहीं पाता। जनता कॉलोनी में घर था। फीस और ट्यूशन का खर्च निकालने के लिए उन्हें रिक्शा चलाना पड़ा। इसी से उनकी पढ़ाई का खर्च निकलता। कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से किसी प्रकार उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की। रवि के बोलने और बातचीत का अंदाज बहुत अच्छा था। ऊपर से आवाज भी बढ़िया। इसी दौरान उनकी नौकरी रेडियो में लग गई। संगीत और कविता की रुचि उन्हें थिएटर तक ले आई। चुनावी सभा और धार्मिक संगठनों से नाटकों के मंचन करने के लिए ऑफर आने शुरू हो गए। 1982 में लंदन स्थित एक मंडली से उन्हें बुलावा मिला। वहां पर कार्यक्रम के बाद वापस लौट आए और दो साल बाद फिर से लंदन का रुख किया। वहां उन्होंने कड़ी मेहनत और जानदार हुनर के सहारे लंदन में बसे भारतीयों के दिल में अपनी अलग पहचान बना ली है। 
और मिल गई कामयाबी 
 1984 में लंदन जाने के बाद उन्होंने सफलता की बुलंदियां छूना शुरू कर दिया। रवि ने बीबीसी के लिए स्वतंत्र रूप में काम करना शुरू किया। कुछ साल बाद एक दूसरे चैनल के साथ जुड़ गए। अब 60 साल की उम्र में वे लंदन के लाइका रेडियो में बतौर स्टार जॉकी काम कर रहे हैं। इस रेडियो पर रवि वहां बसे भारतीयों को हिंदी संगीत और देसी परंपराओं से जोड़े हुए हैं। इतना ही नहीं उन्हें जब भी मौका मिलता है तो वे शादी-विवाह में पंडित का काम और कवि सम्मेलन में भी शिरकत करते हैं। 
परिवार का मिला साथ 
 रवि बताते हैं कि उन्हें हमेशा परिवार का पूरा साथ मिला। मुझे अपने स्टेज शो लेकर मॉरीशस, जर्मनी, स्वीडन, हॉलेण्ड, नार्वे और रीयूनियन जाने का मौका मिला है। भावुक होकर वह बताते हैं, सोचिए रोहतक के एक गाँव में जन्मा निम्न मध्य वर्ग का एक लड़का जो अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए रिक्शा चलाने को मजबूर था, आज विश्व भर के दौरे कर रहा है। मेरे दादा जी, पिता जी सभी अध्यापक थे। हम चार भाई और दो बहनें हैं। रेडियो का सफर मैंने 1976 में ऑल इण्डिया रेडियो रोहतक से शुरू किया था। 1985 में विवाह हुआ। पत्नी आशा किरण एक सरकारी महकमे में मैनेजर हैं। एक बेटा संकल्प और बेटी रागिनी अभी स्कूल जाते हैं। 
मिले हैं बहुत से पुरस्कार 
रेडियो के सफर में रवि शर्मा को कई पुरस्कार और सम्मान मिले हैं। एशियन फिल्म और मीडिया बरमिंघम का यूके एशियन अवार्ड, नेशनल डीजे, बेस्ट ब्रॉडकास्टर अवार्ड, यूके हिन्दी समिति का संस्कृति सम्मान। वह कहते हैं कि अच्छा लगता है जब कभी सम्मान या पुरस्कार मिलते हैं। मैं बस काम कर रहा हूँ, यदि सम्मान भी मिल जाते हैं तो कहीं कुछ अच्छा लगता है। मैने अपने जीवन में गलतियां करके सीखा है। अच्छा लगता है जब भीड़ में एक पहचान बन जाती है। 
हरियाणवी क्रिकेट कमेंट्री भी है प्रसिद्ध
 रवि शर्मा ने दशकों पूर्व हरियाणवी अंदाज में क्रिकेट कमेंट्री की थी। इसमें उन्होंने रोहतक के पास स्थित अस्थल बोहर गांव के मैदान में खरावड़ और मकड़ौली के बीच हुए मैच को हरियाणवी अंदाज में बया किया था। हरियाणवी अंदाज में उनकी कमेंट्री को लोगों ने खूब सराहा और यू-ट्यूब पर हजारों भारतीयों ने इसे देखा। 
डेढ़ लाख में हुई थी शर्ट की नीलामी 
 लंदन में रवि शर्मा की आवाज के प्रशंसकों की लंबी फेहरिस्त है। 15 साल पहले रवि शर्मा लंदन के प्रसिद्ध सनराइज रेडियो के सुपर स्टार थे। उस समय वे इतने लोकप्रिय थे कि उनकी एक शर्ट डेढ़ लाख रुपये में नीलाम हुई थी। 
13 नवंबर बन गया सबसे ख़ास 
30 साल बाद भी दिल में देश और हरियाणा जिंदा है। 13 नवंबर को लंदन में मोदी के मंच के लिए अंग्रेजी, हिंदी, पंजाबी और गुजराती जानने वाले शख्स की जरूरत थी। ऐसे में आयोजकों के मन में बिना किसी दुविधा के पहला नाम रवि शर्मा का ही आया। वेम्बले स्टेडियम से मोदी ने लंदन में रहने वाले भारतीय मूल के 60 हजार लोगों को जब संबोधित किया तो इस पूरे समारोह का संचालन रवि ने ही किया।

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