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Saturday, 28 November 2015
यूपी में दिखी दुनिया की सबसे बड़ी उड़नतश्तरी
गोरखपुर। यूपी में एक बार फिर उड़नतश्तरी दिखी है। गोरखपुर जिले में दोपहर बाद ढाई बजे लोगों को आसमान में उड़नतश्तरी की विशाल आकृति दिखी। यह फिल्मों में दिखने वाली उड़नतश्तरी जैसी ही लग रही थी।
इस नजारे को देख आसपास के लोग घबरा गए और सारा सामान छोड़कर भाग निकले। कुछ लड़कों ने इस सीन को कैमरे में कैद कर लिया। यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है। इससे पहले लखनऊ और कानपुर में भी उड़नतश्तरी देखने के दावे सामने आए हैं।
यह मामला उन मामलों से काफी अलग है। इस बार उड़नतश्तरी का विशालकाय रूप दिखा है। संभवत: पहली बार किसी ने इतनी बड़ी उड़नतश्तरी देखी है। कानपुर और लखनऊ में देखी गईं उड़नतश्तरी काफी दूर होने के कारण दिखने में छोटी थीं। हालांकि लखनऊ में देखी गई उड़नतश्तरी की वैज्ञानिकों ने भी पुष्टि की थी।
हालांकि गोरखपुर के मामले में अभी यह पुष्ट नहीं हो सका है कि यह वाकई में उड़नतश्तरी या यूएफओ है या नहीं। वहीं, इस नजारे को कैमरे में कैद करने वाले गोरखपुर के रिंकू ने बताया, ‘मैं खंभे से भिड़ी ट्रैक्टर ट्राली की फोटो खींच रहा है। तभी अचानक आसमान पर नजर गई और बहुत बड़ी उड़नतश्तरी दिखाई दी। थोड़ी ही देर बाद यह गायब भी हो गई।’
भारत में दिखी उड़नतश्तरी
1. इसी साल 25 जून को कानपुर के श्यामनगर निवासी संतोष गुप्ता के बेटे ने मोबाइल से उड़नतश्तरी की तस्वीरें क्लिक कीं।
2. 11 जुलाई 2014 गोवाहाटी, में देखा गया।
3. 14 जुलाई 2014 को टूंडला में देखा गया। (वैज्ञानिकों ने प्रथम दृष्टया पुष्टि की)
4. 14 जुलाई 2014 को बोकारा स्टील झारखंड में देखा गया। (वैज्ञानिकों ने प्रथम दृष्टया पुष्टि की)
5. 19 जुलाई 2014 को शामली में यूएफओ देखे जाने की सूचना खगोल वैज्ञानिकों को मिली थी।
6. 25 फरवरी 2014 को भारत-पाकिस्तान सीमा पर कथित यूएफओ दिखने के दावे के बाद सुखोई-30 विमान को इसकी खोज में भेजा गया।
7. 19 अगस्त 2013 को लद्दाख में भारतीय सेना के जवानों ने लाइन ऑफ ऐक्चुअल कंट्रोल के पास आसमान पर उड़ती हुई कोई चीज देखी। लद्दाख के देमचोक में लगान खेल इलाके में जवानों ने इसे देखा और यूएफओ (अनआइडेंटिफाइड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट) बताया।
8. 4 अगस्त 2013 को भी लद्दाख में यूएफओ को देखने का मामला सामने आया था।
9. 24 अगस्त 2008 को यूपी के बिजनौर में यूएफओ देखे जाने की खबर आई थी।
लखनऊ में दिखी उड़नतश्तरी असली थी
24 जुलाई 2014 को लखनऊ के राजाजीपुरम ई ब्लॉक सेक्टर-11 निवासी अमित त्रिपाठी ने एक अजीब रोशनी वाला गोला आसमान में देखा था। उस समय वह अपनी बालकनी में बैठा मोबाइल से सनसेट की तस्वीर खींच रहा था। तभी उसे सूरज के बगल में एक रोशनी का गोला दिखाई पड़ा। देखते ही देखते वह गोला तेजी से आसमान में घूमने लगा। अमित ने बिना देरी किए उस अजीब रोशनी वाली चीज की तस्वीर अपने मोबाइल कैमरे में कैद कर ली। करीब 40 सेकंड में वह गोला तेजी से ऊपर उठा और गायब हो गया था। यह बात जब खगोलशास्त्रियों को पता चली तो हड़कंप मच गया था। तत्काल उन्होंने उस तस्वीर की जांच की थी और प्रथमदृष्टया उसे एक उड़नतश्तरी (यूएफओ) बताया था।
जब महिला पायलट ने देखा यूएफओ
4 अक्तूबर 2014 को जेट एयरवेज की चेन्नई बेस्ड प्लेन की पायलट महिमा चौधरी ने दावा किया है कि उन्हें 26,300 फीट की ऊंचाई पर एक यूएफओ दिखाई दिया। ये उड़नतश्तरी उन्हें उस वक्त दिखाई दी जब वे पुणे से अहमदाबाद के लिए फ्लाइट 2491 को उड़ा रही थीं। उन्होंने इसके बारे में मुंबई एयर ट्रैफिक कंट्रोल को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वो 26 हजार तीन सौ फीट की ऊंचाई पर और 310 डिग्री पर हैं। जिस जगह के बारे में महिमा ने बताया वह जगह पुणे से करीब 68 नॉटिकल मील दूर स्थित है। महिमा के मुताबिक यूएफओ हरे और सफेद रंग का था।
Friday, 27 November 2015
तुराखिया ब्रदर्स : इनसे सीखिए दुनिया में छा जाना
कॉलेज की उम्र होती है अपने सपनों को सही दिशा देने की। दोस्तों के साथ मौज-मस्ती करते हुए करियर की राह चुनने और उस पर आगे बढ़ने की। ऐसी ही एक राह तुराखिया ब्रदर्स ने भी कॉलेज की पढ़ाई के दौरान जब चुनी तो उनके दोस्तों को अजीब लगा। लेकिन अपनी मेहनत के बल पर तुराखिया ब्रदर्स ने कामयाबी की नई इबारत लिखी। उन्होंने एक वेबहोस्टिंग बिजनेस शुरू किया। कुछ ही दिन में उन्हें अमेरिका, चीन और ब्राजील समेत दुनिया के कई देशों से कस्टमर्स मिलना शुरू हो गए। इसी साल उन्होंने अपना बिजनस नैस्डेक पर लिस्टेड एंड्योरेंस ग्रुप को बेच दिया। इसके बाद भी उनके पास इंटरनेट एडवर्टाइजिंग बिजनस और press, website और space जैसे टॉप लेवल डोमेन हैं। दिव्यांक तुराखिया (32) और भवीन तुराखिया (34) की सफलताओं का यह सिलसिला किसी को भी प्रेरणा दे सकता है.
भवीन तुराखिया
भवीन डायरेक्टी ग्रुप के संस्थापक सीईओ हैं और 1998 से लेकर अब तक डायरेक्टी की अभूतपूर्व प्रगति का श्रेय इन्हीं को जाता है। जिसमें छह व्यवसायों के साथ एक ग्लोबल वेब प्रोडक्ट कम्पनी, 20 से ज्यादा उत्पाद, आठ सौ से ज्यादा कर्मचारी और लाखों वैश्विक ग्राहक भी शामिल हैं। इनके कुशल नेतृत्व में रिसेलर क्लब और लॉजिक बाक्सेस इंडस्ट्री लीडर बनीं जिन्हें उनके संबंधित कार्यक्षेत्र में और डायरेक्टी को लगातार एशिया में तेजी से बढ़ती टेक कम्पनी के रूप में डेलाइट और टच ने रखा है। भवीन लगातार अपने विजन, स्ट्रैटजी, इजीनियरिंग और आपरेशन्स से रिसेलर क्लब,लाजिक बाक्सेस, .pw, answerable.com webhosting.info को ऊंचाइयां प्रदान कर रहे हैं।
रिसेलर क्लब और लॉजिकबाक्सेस के जरिये प्रदान की जाने वाली सेवाओं और तमाम अन्य उत्पादों जैसे orderdox, .pw एक सोशल मीडिया के मुख्य आर्किटेक्ट हैं। उन्होंने तमाम तकनीकी पेटेंट्स को लिखा है। उन्होंने एक प्रमुख कोडिंग और प्रतिस्पर्धी मंच codechef जन्म दिया। उन्होंने डायरेक्टी के सामुदायिक टेक कैम्प की भी शुरूआत की।
1998 में मात्र 18 साल की उम्र में जबकि वह कालेज में पढ़ते थे, उन्होंने डायरेक्टी की स्थापना की जो दुनिया भर के लोगों के लिए वेब प्रोडक्ट और सेवाओं पर आधारित ई बिजनेस का मंच था। अपने स्कूल और कालेज के सालों को साफ्टवेयर बनाने में, वेब एप्लीकेशन्स के विकास और कम्पनियों से बातचीत में बिताकर वह इस डायरेक्टी को लाए। जिसके पीछे थी वेब इंडस्ट्री के बारे में उनकी गहरी समझ, मजबूत तकनीकी आधार, व्यापारिक कुशलता की चाह और सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बात विकास की न पीछे हटने वाली महत्वाकांक्षा।
भवीन वेब 2.0 लैंडस्केप की महत्वपूर्ण शख्सियत हैं। वह तमाम कालेजों और तकनीकी सेमिनार्स आदि के मुखर वक्ता भी हैं। स्थानीय साइबर क्राइम सेल के वह तकनीकी सलाहकार हैं। उन्होंने कई अवार्ड भी जीते हैं। जिसमें साल के उद्यमी का अवार्ड भी शामिल है। वह ग्लोबल आईसीएएनएन के लगातार दो कार्यकाल तक चेयरमैन भी रहे हैं।
दिव्यांक
तुराखिया
डायरेक्टी के संस्थापक है। उन्होंने डायरेक्टी को एक वैश्विक उद्यम के रूप में खड़े होने में मदद की है। उन्होंने डायरेक्टी के सतत विकास, नवाचार और विस्तार के पीछे असली ताकत के रूप में काम किया है। इन वर्षों में, वह सक्रिय रूप से डायरेक्टी के तेजी से विकास को बनाए रखने के लिए जरूरी कॉर्पोरेट बुनियादी ढांचे के निर्माण में और पैमाने के प्रबंधन के लिए आवश्यक साझेदारी में लगे रहे हैं। डायरेक्टी को लगातार
2005, 2006, 2007 और 2008 के लिए एशिया में शीर्ष 500 सबसे तेजी से बढ़ते प्रौद्योगिकी
कंपनियों के बीच बनाये रखने में उनका अहम योगदान है। 2005 में, दिव्यांक ने Skenzo की स्थापना की और डायरेक्टी समूह के भीतर एक स्टार्टअप के रूप में और एक वर्ष में दुनिया भर में # 1 सबसे तेजी से बढ़ते डोमेन पार्किंग कंपनी के रूप में उसे स्थापित किया। Divyank डायरेक्टी के मीडिया कारोबार के सभी Media.Net, Skenzo और DomainAdvertising.com आदि की स्थापना की है। वह इन सभी व्यवसायों के दिन-प्रतिदिन के वैश्विक परिचालन की देख रेख करते हैं।
दिव्यांक को ऑनलाइन विज्ञापन और वेब सेवाओं के क्षेत्र में एक प्रर्वतक के रूप में सम्मान दिया जाता है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन विज्ञापन, इंटरनेट यातायात मुद्रीकरण, वेब और ईमेल होस्टिंग,एंटी स्पैम, और डाटा सुरक्षा के क्षेत्र में सबसे उन्नत उत्पादों को सफलतापूर्वक
बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके पास कई पेटेंट हैं। उन्होंने तकनीकी पत्रिकाओं और उद्योग पत्रिकाओं दोनों के लिए लेखों के रूप में योगदान दिया। वह उद्योग के अग्रणी सम्मेलनों और व्यापार शो में एक सफल वक्ता है।
दिव्यांक ने 9 साल की उम्र में प्रोग्रामिंग शुरू कर दी थी। उन्होंने इंटरनेट के शुरुआती दिनों में एक नि:शुल्क डायल-अप बीबीएस ( बुलेटिन बोर्ड प्रणाली) की शुरुआत की। 1996 में, 14 साल की उम्र में बड़े कारोबार के लिए इंटरनेट परामर्श के माध्यम से अपना करियर शुरू किया। 1998 में, 16 वर्ष की आयु में उन्होंने डायरेक्टी की स्थापना की। आज उनके नेतृत्व में डायरेक्टी $ 350M का एक उद्यम है। दिव्यांक नियमित रूप से अमरीका, भारत और चीन भर में विश्व प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में उद्यमशीलता के बारे में बात करने के लिए आमंत्रित किये जाते हैं।
2010 में, ब्लूमबर्ग ने दिव्यांक को एक “जीतने वाले योद्धा” के रूप में पेश किया। 2008 में, फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने उन्हें भारत के ‘न्यू बिजनेस लीडर्स’ के रूप में और 2007 में सोसायटी पत्रिका द्वारा यंग एचीवर्स सूची में चित्रित किया गया। 2006 में,दिव्यांक बिज़नेस पत्रिका द्वारा एशिया के शीर्ष युवा उद्यमियों की सूची में शामिल थे। इसी तरह से बाद के सालों में सीएनबीसी, उद्यमी पत्रिका बिजनेस स्टैंडर्ड,मनी टुडे, डीडी मेट्रो, नवभारत टाइम्स, टाइम्स ऑफ इंडिया, इंडिया टुडे, एजुकेशन टाइम्स, इंडियन एक्सप्रेस, Rediff.com, कंप्यूटर एक्सप्रेस आदि ने भी उन्हें प्रमुखता से जगह दी।
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