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Tuesday, 20 January 2015

मिसालः 1 किसान 120 बच्चों को पिला रहा है मुफ्त दूध

मेरठ के शामली जिले में एक किसान 120 बच्चों को मुफ्त दूध पिलाने का काम कर रहा है। इस किसान ने एक सरकारी प्राइमरी स्कूल के 10 दर्जन कुपोषित बच्चों को चिन्हित किया है और रोज उन्हें अपने घर से उबला हुआ दूध लाकर पिलाता है। इस किसान की बच्चों को एक साल तक दूध पिलाने की योजना है।
रमेश चंद्र नंबरदार करीब एक हफ्ते से 25 लीटर उबला और चीनी मिला दूध एक स्कूल में पहुंचा रहे हैं। रमेश ने कहा, 'मैं यह सुनकर बड़ा हुआ कि हमारे देश में दूध की नदियां बहती थीं। आज बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं। हाल ही में केंद्र सरकार ने हर एमपी के एक गांव को गोद लेने की योजना शुरू की तो मुझे लगा कि मैं भी बच्चों की मदद कर सकता हूं।'
रमेश का कहना था, 'कुछ लोग गर्म कपड़े बांटते हैं, कुछ किताबें बांटते हैं। मैं चाहता था कि बच्चे मजबूत बनें। मेरे पास सीमित साधन थे लेकिन मैंने बच्चों को दूध के साथ चना और चीनी देना शुरू किया। यह 120 बच्चों के लिए काफी है।'
माजरा रोड के पास बने इस स्कूल के हेडमास्टर नीरज गोयल ने कहा, 'पहले तो हमें लगा कि रमेश खास मौकों, जैसे गणतंत्र दिवस पर बच्चों को दूध पिलाएंगे, लेकिन उन्होंने कहा कि वह रोज ऐसा करना चाहते हैं। हमें शक था कि वह रोज ऐसा कर पाएंगे, लेकिन वह लगातार दूध दे रहे हैं। दूध काफी अच्छी क्वॉलिटी का है। अगर ऐसे ही और लोग सामने आएं तो बच्चों का जीवन बदल सकता है।'
रमेश का कहना है कि उनके पास अच्छी नस्ल की गायें हैं। वे रोजाना 45 लीटर दूध देती हैं। उनकी एक साल तक बच्चों को दूध पिलाने की योजना है। उन्होंने अपने आइडिए के साथ शामली के डीएम नरेंद्र प्रसाद सिंह से भी मुलाकात की थी और उन्होंने भी रमेश का उत्साहवर्धन किया।

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