आज के समय में देश का हर युवा इंजीनियर बनने सपने देखता है। अपने सपने को पूरा करने के लिए वह अपनी आधी लाइफ तो पढ़ाई में लगा देता है और लाखों रुपए फीस में भरकर भी नौकरी मिलती है कुछ हजार रुपए की। लेकिन प्रतिभा किसी कॉलेज या स्कूल में मिलने वाली शिक्षा की मोहताज नही होती है। प्रतिभा व्यक्ति के अंदर बसती है। कुछ ऐसे होते हैं। जो पढ़ाई करके भी वो हासिल नही कर पाते जो बिना पढ़े लिखे हासिल कर लेते हैं। एक ऐसे ही शख्स हैं तमिलनाडु के मेलापुदुवक्कुदी गांव मे रहने वाले 65 वर्षीय मोहम्मद सहुल हमीद। पांचवी कक्षा में फेल होने के बाद मोहम्मद सहुल हमीद ने आर्थिक तंगी की वजह से पढ़ाई छोड़ दी थी। जब ये छोटे थे तब इनके घर के हालात ठीक नहीं थे। घर खर्च चलाने के लिए जब काम ढूंढने निकले तो उन्हें काम नहीं मिला तो ये मजदूरी करने लगे। मजदूरी करते-करते मोहम्मद सहुल हमीद घर बनाने में रूचि लेने लगे। इसके बाद मोहम्मद सहुल हमीद अरब देश जाकर रहने लगे। 20 साल वहां रहने के बाद उन्होंने घर बनाने का काम सीख लिया। अरब देश में काम करने से उन्हें वहां की नई टेक्नोलॉजी का अनुभव हो गया और फिर अपने देश वापस आकर उन्होंने यह प्रण लिया की वो भी एक ऐसा घर बनाएंगे जिसे देखने के लिए दूर-दराज के लोग आएंगे।
देखने के लिए आते हैं दूर-दूर से इजीनियर :
विदेश मे कई सालों तक काम सीखने के बाद अपने गांव लौट कर उन्होंने इंजीनियरिंग का एक ऐसा नमूना खड़ा किया जिसे देखने के लिए दूर-दूर से इंजीनियर आते हैं। मोहम्मद सहुल हमीद के परिवार की आर्थिक स्थिती ठीक ना होने की वजह से उन्हें अपना स्कूल कक्षा पांच में ही छोड़ना पड़ा और कुछ कर नहीं सकते थे। कुछ आता भी नहीं था तो मजदूरी करने लग गए। मजदूरी करते-करते घर बनाना अच्छा लगने लगा। कुछ ही दिनों में ये शौक बन गया। इसलिए उन्होंने कंस्ट्रेशन लाइन मे अपना कॅरियर बनाने की सोची।
प्री फैब्रिकेटेड संरचना :
गांव लौटने पर हमीद ने एक ऐसा घर बनाया जो मूव कर सकता है। इसे मूविंग टाइप हाउस कहा जाता है। इसे प्री फैब्रिकेटेड संरचना भी कहा जाता है। जब हमीद ने ऐसा घर बनाने की बात अपने दोस्तों और परीवार के सामने रखी तो सब उनका मजाक उड़ाने लगे। हमीद ने इस मूविंग हाउस को बनाने के लिए राफ्ट फाउंडेशन टेक्नॉलाजी का प्रयोग किया। मोहम्मद सहुल हमीद द्वारा बनाये इस घर में ग्राउंड फ्लोर पर 3 तथा फर्स्ट फ्लोर पर 2 बेडरूम हैं। फर्स्ट फ्लोर को आयरन रोलर की मदद से किसी अन्य दिशा में भी घुमाया जा सकता है। मुहम्मद हमीद अपने इस घर के बारे में बताते हुए कहते हैं कि ” मैं कुछ नया करना चाहता था इसलिए मैंने ये मूविंग हाउस बनाकर सबको गलत साबित कर दिया। इस अनोखे निर्माण से प्रभावित होकर राज्य के विभिन्न जगहों से इंजीनियर हमीद का घर देखने आते हैं।” 25 लाख रुपये में तैयार उनका ये प्रोजेक्ट तमिलनाडु के मेलापुदुवक्कुदी गांव में 1080 स्क्वायर फीट जमीन पर खड़ा है।
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