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Wednesday 12 April 2017

आविष्कार: आवाज पर चलती यह ह्वील चेयर, जानिए इसकी खासियतें

बीआइटी में पढने वाले बिहार के छात्र ने एक ऐसा व्हीलचेयर बनाया है जो इस पर बैठे व्यक्ति की आवाज सुनकर चलेगा। दूसरा कोई भी व्यक्ति इसे निर्देश नहीं दे सकेगा। ‘ह्वील चेयर! मेरी आवाज सुन रहे हो न! बाएं चलो, ...और चेयर आवाज सुनते ही उस दिशा में बढ़ जाएगा। दिव्यांगों के लिए यह खास उपकरण बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआइटी) के इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रोनिक्स इंजीनियिंरग के फाइनल इयर छात्र आशुतोष प्रकाश ने बनाया है। इसकी खासियत ही है कि यह सिर्फ इसका उपयोग करने वाले की ही आवाज सुनेगा। दूसरा कोई भी व्यक्ति इसे निर्देश नहीं दे सकेगा। इसे बनाने में 20 हजार रुपये का खर्च आया है।

ऐसे मिली निर्माण की प्रेरणा :
आशुतोष ने बताया कि वह बीटेक में दूसरे वर्ष से ही इसे बनाने में जुट गया था। वह इंटर्नशिप के लिए डॉ. अतुल ठाकुर के पास गया था। वहां एक दिव्यांग को चलने में हो रही कठिनाई को देखकर उसी समय ठान लिया कि एक ऐसा ह्वील चेयर बनाएगा, जो आवाज सुनकर चले। दरभंगा निवासी आशुतोष ने इसे अपने दादाजी के लिए भी बनाया है। उसने कहा, जब दादाजी की उम्र अधिक होगी तो वे अपने हिसाब से इसका उपयोग कर सकेंगे। आशुतोष के पिता प्रमोद कुमार मिश्रा दरभंगा केंद्रीय विद्यालय में शिक्षक हैं। मां रेणु मिश्रा गृहिणी हैं। निर्माण का श्रेय आशुतोष ने दादा, मां एवं पिता को दिया है। आशुतोष ने बताया कि इसका उपयोग आम लोग कर सकें, इसलिए उसने इसका पेटेंट नहीं कराया है।

ऐसे करता है काम...
यह संबंधित व्यक्ति की आवाज को याद कर लेता है। फिर उसी के निर्देश पर काम करता है। कोई आवाज बदलकर इसे निर्देश देना चाहे तो नहीं मानेगा। इसमें लगा सेंसर गड्ढा या दीवार को एक मीटर पहले ही पहचान कर रुक जाता है।

यह है तकनीक
- यह आवाज को प्रोसेस करता है।
- फिर प्रोग्राम के अनुसार माइक्रोकंट्रोलर को निर्देश देता है।
- माइक्रोकंट्रोलर उस हिसाब से मोटर को कंट्रोल करते हुए परिचालन करता है।

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