गुजरात के अमरेली में मोटा देवलियां गांव के 44 वर्षीय मन सुखजगानी के अनूठे बुलेट हल याट्रैक्टर के बारे में जानकर लोग दांतो तले उंगलियां दबाने को मजबूर हो जाते है। रॉयल एन फील्ड मोटर साइकिल में मनसुख भाई नेकुछ ऐसा किया कि यह आधुनिकहल में तब्दील हो गई। इस मशीन को वे बुलेट संती कहते हैं। इन्होंने यह नाम अपनी पत्नी के नाम पर रखा है।नेशनल इनोवेशन फाउंडेशनने 2000 में इनके आविष्कार को पुरस्कृत किया। बुलेट संती (संतीयानी हल) भारत ही नहीं विदेशों में भी कई जगह प्रदर्शित, प्रशंसित और पुरस्कृत हो चुका है। 2000 में पुणे में इंडियन साइंस कांग्रेस, दिल्ली में स्वदेशी विज्ञान मेला और दक्षिणअफ्रीका में लघु, मध्यम इंटर प्राइज विभाग और कॉमनवेल्थ साइंस काउंसिल, लंदन की संयुक्त प्रदर्शनीमें इसका प्रदर्शन किया गया।
किसानों के लिए यह उपकरण वरदान है। इस बहु उपयोगी उपकरण से जमीन की लेवलिंग, जुताई, बुआई आदि सारे कृषि संबंधी काम आसानी से कि एजा सकते हैं। मनसुख जगानी ने1994 में बुलेट संती का आविष्कार किया। भयंकर सूखे की वजह से उनका परिवार आर्थिक रूप से दिवा लिया हो चुका था। मजबूरी वश उन्हें अपने दोनों बैल बेचने पडे़। वैसे भी बैलों को पालना और उनके चारे की व्यवस्था करना उनके बस की बात नहीं रही थी। पानी की कमी और चारे की बढ़ती की मतों ने बैलों का पालन-पोषण काफी महंगा कर दिया था। ऐसे में थ्रीव्हीलर छक ड़ासे प्रेरणा लेते हुए उन्होंने अपने एक दोस्त की रॉयल एनफील्ड बुलेट ली और उसे एक हल के साथ जोड़ दिया।
तकनीक से लगाव :
वैसे मनसुख सिर्फ 5वीं कक्षा तक पढ़े हैं लेकिन तकनीक और मशीनी चीजों से उन्हें बेहद प्यार है।वे कहते हैं, ष्बुलेट संती की मदद से खर्च में कम से कम 40 फीसदी की कटौती की जा सकती है। बैलों को आपको साल भर चारा खिलाना पड़ता है, वे खेत जोतें या न जोतें, लेकिन बुलेट संती अपना चारा (ईंधन ) तभी मांगती है जब आप उसे इस्तेमाल करते हैं। आज ज्यादातरकिसानों के पास अपनी मोटर बाइक है। लगभग हर किसान अपनी बाइक को संती में तब्दील कराना चाहताहै। मनसुख के पास इतनी संख्या में लोग आने लगे हैं कि बीते 18-20सालों से ये गांव में अपनी वर्कशाप चला रहे हैं, जहां वे डीजल इंजनों एवं खेती के उपकरणों की मरम्मत करने के अलावा संती बनाने और बेचने का काम भी कर रहे हैं।
आविष्कार बना प्रेरणा :
उनका आविष्कार इस क्षेत्र मेंअनेकों के लिए प्रेरणा बन गया है।आज इस क्षेत्र में ऐसी कम से कम 500 वर्कशॉप खुल गई हैं जो बुलेट संती बनाती है। मनसुख बडे़ गर्व से बताते हैं कि वह अब तक ऐसी 500 बुलेट संती बना चुके हैं। संती की मदद से एक एकड़ जमीन मात्र दो लीटर डीजल से आधे घंटे के अंदरजोती जा सकती है। इतना फायदाआपको किसी दूसरे उपकरण से नहीं मिलेगा। आठ घंटे में बैल मात्र2.5 एकड जमीन पर जुताई, बुआई कर सकते हैं। जबकि इससे इतनीदेर में 15 एकड़ जमीन पर काम होसकता है।
No comments:
Post a Comment