श्री अवतार सिंह,
चन्दन चैकी, जिला लखीमपुर खीरी, उत्तरप्रदेश ने बताया कि सेमल(सालमालिया मालबारिका)
के भिन्ड़े की रूई से तकिया बनाकर वे सदैव तैयार रखते हैं
। जब किसी को सिर में दर्द की शिकायत होती है तो यह तकिया सिर
के नीचे लगा कर लेटने को कहा जाता है ।
श्री अवतार सिंह जी के अनुसार यह तकनीक उन्होंने अपने बुर्जुगों
से सीखी थी। कई बार ये इस तकनीक का सफल प्रदर्शन कर चुके हैं
। इस तकिये की विशेषता यह है कि जब तकिया की रूई पिचक जाये तो
तकिये को धूप में रखने से रूई दोबारा फैल जाती है और तकिया फिर से पहले जैसा हो जाता
है । इस
तकिये का प्रयोग अवतार सिंह पिछले 40 वर्षा से कर रहे हैं
।
सेमल के पेड़ पर जनवरी के महीने में गहरे लाल रंग का फूल आता
है जिसकी बहुत स्वादिष्ट सब्जी बनती है और फूल के गोभ में से सफेद रंग का रेशा निकलता
है जो कपास के जैसा होता है। अवतार सिंह सर्दियों के महीने में सेमल की रूई इक्कठी
करके हर वर्ष कुछ तकिये बनाते हैं ।
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