हुनर किसी का
मोहताज नहीं होता और
इलाहाबाद के मालक
राज इलाके के निवासी
विमल किशोर ने
यह बात सचसाबित
कर दी है।
एक पैर से
विकलांग विमल ने एक
अनोखी दो सीटर
कार बनाई है। विमल
छोटी सी काॅफी
की दुकान चलाते हैं।
उन्होंने एक स्कूटी
पर डिज़ाइन कर इसे
छोटी कार की
शक्ल दी हैं
इसमें दो लोगों के बैठने
की सुविधा है।
विमल ने बताया कि
विकलांग और बुजुर्गों
को ध्यान में रख
कर इस कार
को बनाया गया
है जिसका नाम ‘लैलो’
है। इस कार
में म्यूजिक सिस्टम और हूटर
भी लगा है,
जो बैटरी से संचालित
होता है और
इसकी बैटरी सोलर सिस्टम
से चार्ज होती
है। यह कार सेल्फ
स्टार्ट है। यह
कार तीन महीने
में बनकर तैयार हुई है।
विकलांगों
की सहायता करना
है मकसद :
विमल किशोर बताते हैं
कि इस छोटी सी
कार को बनाने
का मकसद दिव्यांग लोगों
की मदद करना
है। कार चलाने में
एक्सीलरेटर ब्रेक आदि में
दिक्कत होने के मद्देनज़र
उन्हें यह विचार
आया कि क्यों न
ऐसी कार बनाई
जाये जिसे दिव्यांग और
बुर्ज़ुर्ग आसानी से चला
सकें और वह कार
को कहीं भी
आसानी से पार्क कर
सकें। विमल किशोर
जब अपनी इस छोटी
सी कार को
लेकर सड़कों पर निकलते
हैं, तो देखने
वालों की भीड़
लग जाती है। हर
कोई बस इसे
देखता ही रहता है
और इस छोटी
सी कार की
तस्वीर लेनेको बेताब रहता
है। इतना ही
नहीं जब लोगों को
इस कार के
बारे में जानकारी होती
है तो वे
इनके जज़्बे को
सलाम भी करते हैं।
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