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Friday 24 March 2017

दिल्ली के मनु चोपड़ा ने विकसित की एन्अी मोलस्टेशन डिवाईस


हालात कभी कभी इंसान को कुछ नया करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। दिल्ली के रहने वाले मनु चोपड़ा जब ग्यार वींक्लास में थे तो उन्होने छेड़छाड़ रोकने वाली एक डिवाइस को तैयार किया। आज मनु अमेरिका के स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय मेंकंम्प्यूटर साइंस के तीसरे वर्ष के छात्र हैं। लेकिन उनका कहना है कि वो पढ़ाई खत्म करने के बाद इस डिवाइस को बड़े पैमाने पर लोगों के इस्तेमाल लायक बनाना चाहते हैं। इसके लिए वो आने वाले वक्त में किसी उत्पादक की तलाश भी करेंगे।

मनु बताते हैं कि जब वह 15 साल के थे तो एक शामउन की मां उसकी बहन को इस बात के लिए डांट रही थी कि वोरात 10 बजे के बाद घर से बाहर ना रहा करे। इसके बाद जब उनकी मां का गुस्सा थोड़ा शांत हुआ तो उन्होंने अपनी मां से पूछा कि जब वह रात में बाहर घूमता हैं तो उसकी बहन को ये आजादीक्यूं नहीं है ? जिसके जवाब में उसकी मां ने उसे कहा कि रात के वक्त यहां की गलियां लड़कियों के लिए सुरक्षित नहीं है। मनु ने एक बार फिर अपनी मां से सवाल किया कि ‘’तो क्या इसका मतलब उसकी बहन कभी भी रात को बाहर घूमने नहीं जा सकती। 

इस बार मां ने कोई जवाब नहीं दिया और वो मुस्कुराते हुए वहां से चली गईं।’’ मनु भी जानते थे कि उनकी मां के पास इस बात का कोई जवाब नहीं था।इस घटना के बाद मनु अपने कमरे में गये और वहां रखे एक सफेद बोर्ड के आगे खड़े हो गये और उसमें बड़े बड़े अक्षरों से लिखा ‘एंटी मोलेस्टेशन डिवाइस’। मनु का कहना है कि वो उन अनगिनत लड़कियों का भविष्य बदलना चाहते थे जो युवा थीं और उन पर इस तरह बंदिशें थीं। इस तरह वो ना सिर्फ लड़कियों की सुरक्षा कर सकते थे बल्कि उन बदमाशों को जिंदगी भर का सबक भी सिखा सकते थे जो छेड़खानी करते हैं।

एंटी मोलेस्टेशन डिवाइस
ऐसे काम करती है एंटीमोलेस्टेशन डिवाइस 


मनु की डिजाइन की गई
एंटी मोलेस्टेशन डिवाइस घड़ी के आकार की है। जब भी किसी की तंत्रिका गति (Nerve Speed) सामान्य से अधिक हो जाती है तोये डिवाइस 8 मिलीएम्पियर काकरंट छोड़ती है। इससे छेड़छाड़ करने वाला व्यक्ति थोड़े वक्त केलिए लकवाग्रस्त हो जाता है।इसके साथ ही इसमें लगा कैमराछेड़छाड़ करने वाले की लगातारतस्वीरें खींचना शुरू कर देताहै। मनु का कहना है कि इसडिवाइस में लगा कैमरा बिनारूके 100 तस्वीरें खींच सकता है। इतना ही नहीं इस कैमरे से खींची हुई तस्वीरें अपने आपपास के पुलिस स्टेशन में पहुंच जाती हैं। इसके अलावा येडिवाइस खतरे के वक्त पहले सेफीड चार फोन नंबर पर मदद के लिए संदेश भी भेजती है। 

भविष्य की योजना
अब मनु की योजना इसडिवाइस को एक स्मार्टवॉच में बदलने की है ताकि ये घड़ी के तौर पर लोगों की जरूरतों को पूरा कर सके। इसके साथ ही मनु की योजना इस डिवाइस में आवाज रिकॉर्ड करने की सुविधा को जोड़ने की है ताकि इसका उपयोग आरोपी के खिलाफ सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जा सके।

उनकी योजना ऐसे उत्पादक को ढूंढने की है जो इसका बड़े पैमाने पर निर्माणकर सके। एक बार ऐसा होने के बाद मनु को उम्मीद है कि भारत में इस डिवाइस की कीमत दो सौ रुपये से लेकर तीन सौ रुपये तक रहेगी।ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस तकनीक का फायदा उठा सकें और सुरक्षित रहें। फिलहाल उनकी बहन इस डिवाइस का बखूबी इस्ते मालकर सुरक्षित महसूस कर रही हैं। उम्मीद है कि जल्द ही उनके जैसी दूसरी लड़कियों की मदद के लिए ये डिवाइस बाजार में मौजूद होगी।

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