नागराजन
(45) तमिलनाडू में मदुराई
से 40 किमी दूर
एक छोटे से
गाँव उसीलमपत्ती में
रहते हैं। उन्होंने
नवीं कक्षा तक
पढ़ाई की है।
वह विवाहित हैं
और उनके दो
बच्चे हैं। परिवार
में सबसे बड़े
होने के कारण
उन्होंने अपने छोटे
भाइयों और बहनों
की शिक्षा में
सहायता की और
उनका विवाह करवाया।
वह परिवार के
एकमात्र आय अर्जित
करने वाले सदस्य
हैं। उनका स्वप्न
खाद्य संसाधन से
संबंधित अधिक मशीनों
का विकास करना
है जो बाजार
में उपलब्ध नहीं
हैं। उत्पत्तिग्रम्य नागराजन
की वर्गो इंडस्ट्री
नाम से एक
छोटी खराद वर्कशॉप
है। फैक्ट्री में
पिछले 17 वर्षों से चावल
आवरण वाली इकाइयों
में उपयोग किए
गए एसेसरीज पार्ट्स
जैसे एस्पिरेटर, डेस्टोनर,
हीट रेड्यूसर और
ग्राइंडर का निर्माण
हो रहा है।
यह एक बहुत
ही छोटे और
पुराने किराए के घर
से चलती है।
वर्गो इंडस्ट्री की
स्थापना नागराजन के स्वर्गीय
पिता द्वारा की
गई थी जो
आसपास की चावल
मिलों को सहायता
सेवाएँ प्रदान करते थे।
मदुराई जिले का
यह भाग धान
के उच्च उत्पादन
के लिए जाना
जाता है। पिछले
कुछ वर्षों से,
सतत् सूखे ने
न केवल किसानों
को बल्कि सभी
आश्रित उद्योगों को भी
प्रभावित किया और
आसपास के क्षेत्रों
में अधिकांश चावल
मिलें बंद हो
गईं हैं। इन
परिस्थितियों ने उद्यमियों
को जीवित रहने
के लिए अन्य
स्थानों की तलाश
करने पर विवश
कर दिया। नागराजन
के अचार निर्माताओं
के साथ निकट
संबंध ने उन्हें
उद्योग में प्रचलित
कार्यों के प्रति
प्रकट किया। कुछ
स्थानीय अचार निर्माता
कंपनियों ने उन्हें
अदरक का अचार
बनाने के लिए
अदरक का छिलका
उतारने हेतु एक
प्रणाली की रचना
और विकास करने
का अनुरोध किया।
नागराजन ने दो
वर्ष के कठोर
परिश्रम के बाद
2002 में एक अदरक
का छिलका उतारने
वाली मशीन की
सफलतापूर्वक रचना की
और विकास किया।
बाद में, उन्होंने
एक नींबू काटने
की मशीन का
भी विकास किया।
एम. नागराजन ने
एक अदरक का
छिलका उतारने वाली
मशीन और एक
नींबू काटने की
मशीन को उल्लेखनीय
रूप से संशोधित
किया है और
ये बेहतर मशीनें
अचार उद्योग की
दो तह वाली
समस्या को संबोधित
करती हैं जिनके
नाम हैं स्वचालन
की कम मात्रा
के कारण अक्षमता
और अधिकतम समय
के दौरान श्रम
की कमी जो
क्षमता को सीमित
करती है। अदरक
का छिलका उतारने
वाली मशीनरू अदरक
का छिलका उतारने
वाली मशीन में
एक 2 एचपी विद्युत
मशीन, ब्लॉअर, एक
छिलका उतारने वाला
कक्ष, प्रवेशिका, बाह्य
द्वार, निकास पाइप और
ड्राइव्स होते है।
छिलका उतारने वाले
कक्ष में अदरक
डालने के लिए
एक तंत्र और
एक शैफ्ट होता
है जिस पर
ब्लेडें इस तरह
से व्यवस्थित होती
हैं कि छरू
पंक्तियाँ होती हैं
और प्रत्येक पंक्ति
में चार ब्लेडें
होती हैं जो
90 अंश की समान
कोणीय दूरी पर
होती है। ये
ब्लेडें उसी सामग्री
से बनी होती
हैं जिसका उपयोग
विद्युत संप्रेषण के लिए
किया जाता है।
ब्लेडों की व्यवस्था
दो लगातार पंक्तियों
में होती है।
एक पंक्ति में,
ब्लेडें अनुलंब और क्षैतिज
रूप से काटती
हैं और दूसरी
पंक्ति में, ब्लेडें
विकर्ण रूप से
काटती है। एक
के बाद एक
पंक्ति में समान
व्यवस्था होती है।
छिलका उतारने वाला
कक्ष बेलनाकार होता
है और आंतरिक
दीवारें दाँतेदार होती है।
ड्राइव में तीन
शैफ्ट्स, दो खांचों
एवं एक खाँचे
वाली घिरनियाँ होती
है। ड्राइवों को
वी आकार की
पट्टियों के उपयोग
के साथ संप्रेषित
किया जाता है।
मशीन में विभिन्न
आकार के दो
ब्लॉअर होते है।
बड़े ब्लॉअर का
कार्य ब्लेडों के
घूमने से निकली
हुई धूल और
अदरक के छिलके
को बाहर धकेलना
है। छोटे ब्लॉअर
का कार्य अदरक
को मशीन में
डालते समय उसमें
से नमी को
निकालना है। स्टील
शीट से बना
एक आवरण संपूर्ण
यांत्रिकी को ढँकता
है। एकल प्रोटोटाइप
की निर्माण लागत
श्रम शुल्क और
अन्य चलायमान लागतों
सहित रु. 52,000 है।
मशीन कैसे कार्य
करती हैरू अदरक
को प्रवेशिका ढाल
के माध्यम से
छिलका उतारने वाले
कक्ष में डाला
जाता है। विद्युत
को वी आकार
की पट्टियों के
द्वारा दो एचपी
मोटर शैफ्ट्स से
संप्रेषित किया जाता
है। शैफ्ट पर
लगी घिरनी छोटे
ब्लॉअर को घुमाती
है। छोटे ब्लॉअर
की दाबानुकूलित वायु
छिलका उतारने वाले
कक्ष के मार्ग
पर अदरक से
अतिरिक्त नमी को
निकालती है। शैफ्ट
पर लगी घिरनी
ब्लेडों को धारण
करने वाले शैफ्ट
को घुमाती है।
छिलका उतारने वाले
कक्ष में प्रवेश
करने वाले अदरक
को दाबानुकूलित वायु
द्वारा बड़े ब्लॉअर
से घुमाने वाली
ब्लेड तक धकेला
जाता है। चूँकि
ब्लेडें घूम रहीं
हैं, इसलिए वे
अदरक को छिलका
उतारने वाले कक्ष
की दाँतेदार दीवार
की ओर मारती
हैं और वहाँ
इसका छिलका उतर
जाता है। उसी
समय, धूल और
अदरक के छिलके
को निकास पाइप
के द्वारा बाहर
धकेलने के लिए
बड़े ब्लॉअर की
दाबानुकूलित वायु को
गुजरने दिया जाता
है। छिलका उतारने
वाले कक्ष से
छिलका उतरी हुई
अदरक को गुरुत्व
द्वारा निर्गम द्वार के
माध्यम से एकत्रित
किया जाता है।
इस बड़े ब्लॉअर
को शैफ्ट पर
लगी घिरनी से
संप्रेषित विद्युत द्वारा घुमाया
जाता है. लाभरू
मशीन की क्षमता
200 किग्रा अदरक प्रति
घंटा छीलने की
होती है। इस
प्रकार प्राप्त अदरक की
लौंगें समान आकार
की होती हैं
और सफाई से
एवं आसानी से
एकत्रित तथा पुनर्प्राप्त
किया जा सकता
है।
इस मशीन
की अन्य विशेषता
यह है कि
इसका निर्माण करना,
चलाना और रखरखाव
करना आसान है।
ब्लॉअर अदरक में
अतिरिक्त नमी को
निकालता है और
भूसी का पृथककरण्
नवप्रवर्तनशील है। यह
मशीन उच्च उत्पादकता
को प्राप्त करने
में सहायता करती
है। ऊर्जा दक्ष
और श्रम की
बचत करने वाली
है और अदरक
छीलने वाली धीमी
श्रमसाध्य प्रक्रिया में नीरसता
को कम करती
है। इस मशीन
का उपयोग अचार
उद्योग के अलावा
अन्य खाद्य संसाधन
उद्योगों में भी
किया जा सकता
है। नींबू काटने
की मशीन, नवप्रवर्तन
- यह नवप्रवर्तन नींबू
की बड़ी मात्रा
को सतत् रूप
से आवश्यक आकृतियों
और आकारों में
काट सकती है।
इस मशीन में
निम्न मुख्य पार्ट्स
होते हैं दृ
विद्युतीय मोटर, शैफ्ट, घिरनियाँ,
वी आकार की
पट्टियाँ, चेन स्प्रॉकेट
असेंबली, बियरिंग्स, घुमावदार गोलाकार
टेबल हॉपर, बेवल
गियर और बेवल
गियर धारण करने
वाला गियर बॉक्स,
चौनल सी, कनेक्टिंग
छड़ वाली पिस्टन
सिलिंडर असेंबली, रोटरी कटर,
फ्रेमिंग्स और सपोर्ट,
बोल्ट्स और नट्स,
फाउंडेशन, गोलाकार डिस्क, कनेक्टिंग
छड़ और फ्लैंज,
आधी कैम लीवर
यांत्रिकी और मोटर
स्टार्टर. नवप्रवर्तन में दो
स्थायी हॉपर होते
है। एक शंक्वाकार
और दूसरा गोलाकारय
दोनों में दो
निर्गम द्वार होते है।
जब गोलाकार हॉपर
में लगी एक
टेपर डिस्क घूमती
है। तो यह
नींबू को एक
के बाद एक
परिच्छेद के माध्यम
से आगे बढ़ाती
है। यह परिच्छेद
एक चौनल के
आकार में होता
है। जिसमें केंद्र
में एक श्रृंखला
नियंत्रण नियामक यांत्रिकी प्रबंध
होता है। यह
काटने वाली प्रणाली
के अंदर एक
पकड़ने वाली प्रणाली
के रूप में
कार्य करती है
और अनन्तर रूप
से नींबूओं की
गति को सुनिश्चित
करती है. नींबू
को आठ भागों
में काटने के
पूर्व, एक यांत्रिकी
नियामक प्रक्रिया होती है
जो प्रवेश ढाल
को समान समयांतराल
में खोलती और
बंद करती है
जिससे सुनिश्चित किया
जाए कि नींबू
क्रम में कटते
हो। काटने वाले
कक्ष में, नींबू
को चार किनारों
वाले एक से
अधिक सिरों के
और निश्चित स्थिति
वाले कटर के
ऊपरी भाग पर
रखा जाता है।
इसके पश्चात, एक
प्लंजर जो ऊपर
लगा होता है,
वह नींबू को
कटर की ओर
दबाने के लिए
अनुलंब रूप से
घूमता है और
नींबू चारों दिशाओं
का सामना करते
हुए एवं आकृति
नष्ट हुए बिना
चार ब्लेडों की
प्रणाली के साथ
कटता है।क ाटने
वाली ब्लेडें नींबू
को प्लंजर की
एक ही चोट
से चार फाँकों
में काट देती
हैं और अगली
बारी में एक
विकर्ण कट होता
है जो एक
संपूर्ण फाँक को
दो भाग में
बाँटता है।
इस
प्रकार कुल आठ
फाँकें निर्गम द्वार से
बाहर आती हैं।
मशीन की क्षमता
स्प्रिंग लगी प्रक्रिया
की सहायता से
नींबुओं को 0.75 इंच के
व्यास से 2.5 इंच
के व्यास काटने
की होती है।
इस स्प्रिंग लगी
प्रक्रिया द्वारा नींबू पर
बेहतर पकड़ प्रदान
की जाती है
जो कटाव में
एकरूपता सुनिश्चित करती है।
छोटी मात्राओं में
पैकेजिंग के लिए,
नींबू को छोटे
भागों में काटना
पड़ता है (12 से
16 भाग)। यह
करने के साथ-साथ नींबुओं
का दर्जा बढ़ाने
के लिए वर्तमान
मशीन में परिवर्तन
किया जा सकता
है। मशीन में
इस तरह परिवर्तन
किया जा रहा
है कि कच्ची
सामग्री के अपशिष्ट
को कम किया
जाए. नवप्रवर्तक अन्य
पार्ट्स को बनाने
के लिए बची
हुई धातुओं की
शीटों के भाग
का उपयोग करता
है। इससे उत्पादन
की लागत कम
होती है। लाभरू
इस मशीन का
उपयोग करके उत्पादित
फल की फाँकें
समान आकार की
होती हैं और
उन्हें सफाई से
और सुविधापूर्वक एकत्रित
और पुनर्प्राप्त किया
जा सकता है।
सुअनुकूलित विद्युत संप्रेषण विद्युत
के कम उपभोग
को सुनिश्चित करता
है (प्रचालन के
8 घंटों में 7-8 इकाइयाँ)।य
ह युक्ति श्रम
की बचत करने
वाली है दृ
इसे चलाने के
लिए केवल एक
व्यक्ति की आवश्यकता
होती है। काटने
के कार्य में
नींबुओं का न्यूनतम
अपशिष्ट होता है
अर्थात 100ः उत्पादन
का उपयोग किया
जाता है। मशीन
छोटी होती है
और स्टेनलेस स्टील
से बनी होती
है। जो प्रक्रिया
को स्वच्छ बनाती
है।
मशीन में
हाफ कैम लीवर
प्रक्रिया सुनिश्चित करती है
कि अव्यवस्था को
टालने के लिए
नींबुओं को काटने
वाले कक्ष में
एक के बाद
एक डाला जाता
है और यह
नींबुओं के उचित
कटाव को सुनिश्चित
करती है। चार
सिरों वाली अनुलंब
ब्लेड और रोटरी
क्षैतिज ब्लेड की गति
की समकालिकता सुनिश्चित
करती है कि
नींबू को दोनों
एक्सेस के ठीक
बीच में काटा
जाता है और
यह किसी प्रयास
के बिना बीजों
के निष्कासन को
सुनिश्चित करती है।
यह मानदंड अनुचित
कटाव के कारण
न केवल मानवश्रम
की लागत और
अपशिष्ट की बचत
करता है बल्कि
अचारों की गुणवत्ता
में योगदान भी
करता है (आमतौर
पर अचारों में
बीजों के कारण
उपभोक्ता को चिढ़
होती है)।
इस मशीन की
काटने की क्षमता
160 नींबूध्मिनट या 450 किग्रा प्रति
घंटा है। इस
नवप्रवर्तनशील तकनीक में दो
अन्य निर्माताओं की
तुलना में श्रेष्ठता
होती है, जो
निम्न प्रारंभिक निवेश
(मूल्य-रु. 100,000) और निम्न
प्रचालन लागत रु.
0.066 के पदों में
समान मशीनें बनाते
है। यह मशीन
मौजूदा विकल्पों की तुलना
में चलाने और
रखरखाव करने में
आसान है।
सामाजिक
लाभ के दृष्टिकोण
से, तकनीक श्रमिकों
के लिए कम
नुकसानदायक प्रक्रिया प्रदान करती
है। श्रमिक, आमतौर
पर महिलाएँ, जिन्हें
अचार उद्योग में
लगाया जाता है,
वे नींबू को
आवश्यक आकृति और आकार
में हाथ से
काटने में अधिक
समय व्यतीत करती
है। वे आमतौर
पर नींबुओं को
पकड़ते समय छालों
से पीड़ित होती
हैं क्योंकि ये
उच्च रूप से
अम्लीय होते है।
वे श्रमिक जिन्हें
वर्तमान में फल
काटने में लगाया
जा रहा है
उन्हें अन्य दूसरी
मूल्य आवर्धन गतिविधि
के लिए उपयोग
किया जा सकता
है। नागराजन के
अनुसार, एकल प्रोटोटाइप
की निर्माण लागत
श्रम शुल्कों और
अन्य चलायमान लागतों
सहित रु. 82,000ध्-
है. उनका विक्रय
मूल्य रु. 95,000ध्-
है जिसमें रु.
13,000 का लाभ सम्मिलित
है। औपचारिक क्षेत्र
की ओर से
पहचान वह नवप्रवर्तन
के संपूर्ण अनुभव
को बहुत ही
प्रोत्साहक पाते हैं
और अनुभव करते
हैं कि यह
उन्हें आगे नवप्रवर्तन
के लिए प्रेरित
करता है। अधिकांश
ग्रासरूट नवप्रवर्तकों के अनुभवों
के विपरीत, नागराजन
के नवप्रवर्तनों को
स्वीकार किया गया
और उद्योग स्रोतों
द्वारा उनके व्यावसायिक
मूल्य के लिए
प्रशंसा की गई।
एस. कुलवंत सिंह,
(महाप्रबंधक-प्रचालन, खाद्य विभाग,
के विनकेयर प्रमाणित करते हैं
कि उन्होंने वर्गो
इंजीनियरिंग वर्क्स के एम.
नागराजन से दो
अदरक पीलर्स खरीदे
हैं और ये
अच्छी तरह कार्य
कर रहे है।
वह आगे कहते
हैं कि उन्होंने
नागराजन द्वारा विकसित नींबू
काटने की मशीन
का निरीक्षण किया
था और मशीन
से खासे प्रभावित
है।
अब वे
उनकी गुडुर स्थित
अचार संसाधन इकाई
के लिए नींबू
काटने की मशीन
खरीदने की योजना
बना रहे है।
वे मानते हैं
कि यह बहुत
अधिक मानव श्रम
को बचाएगी और
स्वच्छता को भी
बेहतर करेगी। एस.
कुलवंत स्वीकार करते हैं
कि नागराजन नवप्रवर्तनशील
हैं विशेष रूप
से उन मशीनों
का विकास करने
में जो प्रकृति
में अद्वितीय है।
इसके अतिरिक्त, केविनकेयर
खाद्य संसाधन के
अन्य संभावित क्षेत्रों
में भी नागराजन
के शोध और
विकास कार्यों को
भी प्रोत्साहित और
समर्थन कर रहे
हैं। चेन्नई से
उनके तकनीकी दल
ने कई अवसरों
पर उसलपथी (मदुराई
से 40 किमी दूर)
स्थित नागराजन की
छोटी वर्कशॉप का
दौरा किया थाकेविनकेय
र ऐसी कंपनी
है जिसे रु.
50,000 से शुरु किया
गया और अब
हिंदुस्तान लीवर (भ्स्स्) में
खाद्य संसाधन व्यवसाय
में अपना धन
लगा रहे हैं
और इसके प्रबंधन
निदेशक श्री सीके
रंगनाथन को इस
वर्ष का इकॉनोमिक
टाइम्स एंटरप्रेन्योर पुरस्कार प्रदान किया
गया।
उद्योग विश्लेषणरू
अचार निर्माण एक
बहुत श्रमसाध्य उद्योग
है। इसके मुख्य
कारण लघु पैमाने
पर होना और
अचारों की तैयारी
की प्रक्रिया हो
सकते हैं, जो
छोटे, विशेषीकृत कार्यों
का सम्मिलन है।
500 से अधिक अचार
निर्माता जो संपूर्ण
भारत में फैले
हैं। दक्षिण भारत
में सर्वाधिक हैं,
वे घर पर
कार्य करते हैं
या कुछ अपवादों
के साथ लघु
उद्योग चलाते है। उपभोग
प्रतिमान भी दक्षिण
भारत की ओर
मुड़ा है। हाल
ही में, संपूर्ण
विश्व में मुख्य
रूप से बढ़ते
हुए भारतीय विस्तार
और पश्चिमी देशों
में भारतीय भोजन
निर्माण शैली और
संगत के बारे
में बढ़ी हुई
जागरूकता के कारण
अचारों के निर्यात
में एक तीव्र
वृद्धि देखी गई
है। उद्योग कई
श्रमिकों को, विशेष
रूप से महिलाओं
को, नियुक्त करता
है। यहाँ तक
कि एक छोटे
पैमाने की अचार
निर्माता इकाई भी
औसतन लगभग 400 महिलाओं
को नियुक्त करती
हैसकारात्मक पक्ष की
ओर, उद्योग ग्रामीण
और अर्द्धशहरी महिलाओं
के लिए रोजगार
का एक महत्वपूर्ण
स्रोत रहा है।
हालाँकि, निम्न स्वचालन अक्षमता
का कारण होता
है और इस
प्रकार संसाधन महँगा होता
है. अन्य महत्वपूर्ण
और उल्लेखनीय विशेषता
अचार निर्माण में
सम्मिलित मौसमीयता रही है।
यह मुख्य रूप
से फलों की
उपलब्धता पर आधारित
होता है। नींबुओं
की स्थिति में,
मौसम अप्रैल-जून
और सितंबर से
मध्य दिसंबर है.
यह आमतौर पर
देखा जाता है
कि मौसम के
दौरान उद्योग के
लिए श्रम की
उपलब्धता सीमित घटक बन
जाती हैवर्तमान स्थिति
- राष्ट्रीय नवप्रर्वतन द्वारा संचालित
बाजार शोध बताता
है कि अचार
उद्योग नागराजन द्वारा विकसित
इन डिवाइसों को
उनकी निम्न प्रारंभिक
लागत और उच्च
दक्षता के कारण
अपनाने के लिए
बहुत आतुर है।
चूँकि यह उद्योग
दक्षिण भारत में
केंद्रित है। इसलिए,
वर्गो इंडस्ट्री के
पास अन्य क्षेत्रों
के दूसरे सप्लायरों
की तुलना में
कुछ अतिरिक्त लाभ
होंगे जैसे भौतिक
निकटता और बाजार
में सीधी पहुँच।
नागराजन ने पहले
ही बाजार में
12 अदरक छीलने वाली मशीनें
बेच दी हैं
और बाद में
उन्हें बौद्धिक संपदा की
सुरक्षा करने के
लिए ज्ञान द्वारा
सलाह दी गई।
वास्तव में, उन्होंने
भी क्षेत्र में
कुछ जालसाजों द्वारा
अपनी तकनीक की
नकल की जाने
की समस्या का
अनुभव किया और
उन्होंने उस समय
के दौरान नींबू
काटने की मशीन
की बिक्री को
रोक दिया। उन्होंने
अपने क्षेत्रीय सहयोगी
दीर्घकालिक-कृषि और
पर्यावरणीय स्वयंसेवी कार्य (सेवा)
के माध्यम से
राष्ट्रीय नवप्रवर्तन को इन
दो मशीनों के
लिए एक पैटेंट
फाइल करने के
लिए अनुरोध किया।
अब, चूँकि दोनों
पैटेंट को रानप्र
द्वारा फाइल कर
दिया गया है।
इसलिए वह अपने
नवप्रवर्तनों को बाजार
में लाना चाहते
हैं।
रानप्र ने
नागराजन को नींबू
काटने की मशीन
के व्यावसायीकरण के
लिए सूक्ष्म उपक्रम
नवप्रवर्तन कोष की
ओर से रु.
1,87,000 की मंजूरी दी है
और सफल व्यावसायीकरण
के बाद रु.15,000
नवप्रवर्तक द्वारा चुका दिए
गए है। इसके
अतिरिक्त, तकनीक लाइसेंसिंग के
लिए समानांतर प्रयास
किए गए है।
नवप्रवर्तनों का एक
कैटलॉग खाद्य संसाधन के
उन दो निर्माताओं
को भेज दिया
गया है जिन्होंने
रुचि व्यक्त की
है। किंतु एकमात्र
सीमांकन कारक यह
है कि वर्गो
उद्योग की क्षमता
कम है। यह
एक माह में
केवल तीन नींबू
काटने की मशीनों
का या चार
से पाँच अदरक
छीलने वाली मशीनों
का निर्माण कर
सकती है। उनके
पास पाँच लोगों
का एक छोटा
सा दल है.
उनमें से दो
प्रशिक्षित हैं (औद्योगिक
प्रशिक्षण संस्थान) और अन्य
अर्द्धकुशल है। नवप्रवर्तन
का विवरण अचार
निर्माण एक बहुत
श्रमसाध्य उद्योग है। इसके
मुख्य कारण लघु
पैमाने पर होना
और अचारों की
तैयारी की प्रक्रिया
हो सकते हैं,
जो छोटे, विशेषीकृत
कार्यों का सम्मिलन
है। 500 से अधिक
अचार निर्माता जो
संपूर्ण भारत में
फैले है। दक्षिण
भारत में सर्वाधिक
हैं, वे घर
पर कार्य करते
हैं या कुछ
अपवादों के साथ
लघु उद्योग चलाते
है। उपभोग प्रतिमान
भी दक्षिण भारत
की ओर मुड़ा
है।
हाल ही
में, संपूर्ण विश्व
में मुख्य रूप
से बढ़ते हुए
भारतीय विस्तार और पश्चिमी
देशों में भारतीय
भोजन निर्माण शैली
और संगत के
बारे में बढ़ी
हुई जागरूकता के
कारण अचारों के
निर्यात में एक
तीव्र वृद्धि देखी
गई है। यह
उद्योग कई श्रमिकों
को, विशेष रूप
से महिलाओं को,
नियुक्त करता है।
यहाँ तक कि
एक छोटे पैमाने
की अचार निर्माता
इकाई भी औसतन
लगभग 400 महिलाओं को नियुक्त
करती है। सकारात्मक
पक्ष की ओर,
उद्योग ग्रामीण और अर्द्धशहरी
महिलाओं के लिए
रोजगार का एक
महत्वपूर्ण स्रोत रहा है।
हालाँकि, निम्न स्वचालन अक्षमता
का कारण होता
है और इस
प्रकार संसाधन महँगा होता
है। अन्य महत्वपूर्ण
और उल्लेखनीय विशेषता
अचार निर्माण में
सम्मिलित मौसमीयता रही है।
यह मुख्य रूप
से फलों की
उपलब्धता पर आधारित
होता है। नींबुओं
की स्थिति में,
मौसम अप्रैल-जून
और सितंबर से
मध्य दिसंबर है।
यह आमतौर पर
देखा जाता है
कि मौसम के
दौरान उद्योग के
लिए श्रम की
उपलब्धता सीमित घटक बन
जाती है। नवप्रवर्तनशील
मशीन का उपयोग
किसी भी खाद्य
संसाधन उद्योग जैसे अचार
या मसाला निर्माताओं
द्वारा प्रभावी रूप से
किया जा सकता
है। नींबू की
बड़ी मात्राओं को
आवश्यक आकृति और आकार
में सतत् रूप
में काटा जा
सकता है। उत्पादित
फाँकों की बेहतर
मात्रा - उत्पादित फल की
फाँकें एकसमान प्रकृति की
होती हैं और
उन्हें स्वच्छ और आसानी
से एकत्रित एवं
पुनर्प्राप्त किया जा
सकता है।
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