Total Pageviews

Tuesday, 28 March 2017

टूटे नारियल से बदली अपनी ज़िंदगी, अब पूरी दुनिया में कमा रहे हैं नाम

सूरजकुंड मेले में आए ये निकुंज हैं। इन्हें 25 साल पहले नारियल के टूटने पर उसे नए रूप में ढालने का आइडिया आया। फिर क्या था, उन्होंने इस पर काम शुरू किया और कुछ वक्त के भीतर ही खुद को एक एग्रो आर्टिस्ट के रूप में स्थापित किया। कुछ सालों बाद इस काम में वे इतने स्किल्ड हो गए कि 2008 में नेशनल अवॉर्ड भी हासिल किया। अब अपनी इस हुनर के जरिए दूसरों का भविष्य संवार रहे हैं। 

टूटे नारियल ने  बदली इनकी Life,  अब पूरे वर्ल्ड में कमा रहे हैं नाम

- निकुंज को शुरू से ही कचरा जमा करने का शौक था।
- पहले वे मेडिकल स्टोर में काम करते थे और उसी से घर का गुजारा चलता था।
- एक वक्त ऐसा भी आया कि उन्हें रोटी को तरसना पड़ा।
- इसी दौरान एक दिन वह ऐसे ही मंदिर में बैठे थे कि किसी ने नारियल तोड़ा।
- टूटे हुए नारियल का गोल भाग उनके पास आ गया जिससे उन्होंने पुरानी घड़ी का कब्जा लगाकर एक पॉट बना दिया।
-उनके एक दोस्त को वह बहुत पसंद आया। आगे चलाकर यही उनका रोजगार बन गया। अब इनके सामानों की विदेशों में भी धूम हैं।

नाबार्ड ने किया फाइनेंशियल सपोर्ट

नाबार्ड ने उनके आर्ट को समझा और उन्हें इसमें बेहतर करने के लिए फाइनेंशियल सपोर्ट दिया। सूरजकुंड मेले में वे अपनी यूनीक कला का नमूना पेश कर रहे हैं। उनके साथ मालाकुमारी वर्मा भी आई हैं, जो 2011 में स्टेट अवॉर्ड जीत चुकी हैं।

टूटे नारियल ने  बदली इनकी Life,  अब पूरे वर्ल्ड में कमा रहे हैं नाम

वर्ल्ड में पेटेंट है लॉक गुल्लक

निकुंज की लॉक वाली गुल्लक पेटेंट हैं। इसमें नंबर वाले लॉक लगे हैं। नारियल के इस गुल्लक को बनाने वाले वह दुनिया में एक मात्र आर्टिस्ट हैं। जबकि गणपति-शिवा की बनाई मूर्ति के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया है।

ऐसे बदली लोगों की जिंदगी

निकुंज बताते हैं कि फिर उनका ये काम अब नशा बन गया। उन्होंने आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को भी इस कला काे सिखाने का निश्चय किया। अब तक उनके साथ 1000 लोग जुड़कर काम कर रहे हैं। इन लोगों को उन्होंने स्वयं ही ढूंढ़ा है। इसके तहत उन्होंने नाबार्ड के सहयोग से ही प्रणव प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड की इन सभी आर्टिस्ट को लेकर एक संस्था बनाई है। केरल कोकोनट बोर्ड से भी उन्हें अब हेल्प मिल रही है। जिसके द्वारा उनसे जुड़े लोगों की चीजों को देश-विदेश में भेजा जाता है।

बना चुके 6000 आइटम

निकुंज ने बताया अभी तक वह किचन, सजाने, ज्वैलरी एवं विभिन्न प्रकार के 6 हजार से अधिक नारियल के आइटम बना चुके हैं। इन्हीं आइटमों का 25 फीसदी वे मेले में लेकर आए हैं। उनके बनाए किचन के सामान में माउस्चर नहीं आता।

No comments: