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Thursday, 23 March 2017

जल शुद्धिकरण यंत्र (Water Purifier) , आज हर घर की जरूरत है। परंतु इस जरूरी चीज की कीमत इतनी ज्यादा है कि ये अक्सर आम लोगों की पहुँच के बाहर होती है। इसके अलावा वैज्ञानिक रूप से भी अभी तक यह सिद्ध नहीं हो पाया है कि विपरीत परासरण (Reverse Osmosis) जैसी प्रणाली पानी में मैजूद आवश्यक खनिज पदार्थो को नष्ट किये बिना उसे शुद्ध कर रही है। ऐसे ही कारणों से कई घरो में आज भी दुकानों से पानी की बोतले पहुंचाई जाती है जिसकी विश्वसनीयता पर और भी अधिक सवाल खड़े होते हैं। 

बी एम एस कॉलेज, बंगलुरु से एम टेक (ड.जमबी) कर रहे छात्र, रक्षित प्रभाकरन ने इस समस्या का हल ढूंढ निकाला है। बचपन से ही जिज्ञासु रहे रक्षित ने छठी कक्षा से ही नए यंत्रो और उपकरणों का आविष्कार करना शुरू कर दिया था। इस बार उन्होंनेसोचा कि कोई ऐसी चीजबनायी जाए जिससे आम लोगोको भी फायदा हो। बंगलूरूआजकल खास तौर पर दो समस्याओं से जूझ रहा है -एक पानी की समस्या और दूसरा कचरे की। रक्षित ने दोनों का उपाय खोजने का सोचा। रक्षित ने बंगलुरु के विभिन्न हिस्सों में पानी की जांच की।


दक्षित ने बताया कि पानीमें तीन तरह के प्रदूषक हैं दृरंग, भारी धातु और सूक्ष्म जीव। उन्होंने सोचा कि एक ऐसा प्यूरीफायर बनाया जाए जो इनप्रदूषको को हटाने के साथ-साथ पानी में मौजूद आवश्यक खनिज को बना रहने दे। रक्षितके लिए इस प्यूरीफायर कीकीमत को कम रखना सबसेजरूरी पहलु था। वे एक औरमहंगा यंत्र नहीं बनाना चाहते थे क्यूंकि उनका मकसद ही आमजनता तक साफ पानी पहुँचाना था। इसके लिए रक्षित ने ऐसीचीजों को ढूँढना शुरू किया जोआसानी से मिलने के साथ हीसस्ती भी हों। अपने शोध के आधार पर इनकी खोज दोवस्तुओं पर आ कर रुकी -गन्ने की खोयी और नारियल -जटा या काथी।

गन्ने की खोयी बेकार होनेके कारण मुफ्त में मिल जाती हैऔर नारियल जटा को भी कम दाम में आसानी से खरीदा जा सकता है। रक्षित ने इन्ही दो चीजों का उपयोग करके एकजल थोड़ी मेहनत, थोड़ा शोध और आम लोगो के लिए इस छात्र ने बनाया सिर्फ रु.1500का वाटर प्यूरीफायर शुद्धिकरण यन्त्र का निर्माण किया। इस प्यूरीफायर को बनाने के लिए बाकि जरूरी भाग भी सस्ते में मिल गए । इन सब को जोड़कर रक्षित ने सिर्फ रु.1500 में ऐसा प्यूरीफायर बनाया जिसकीकीमत आम तौर पर दुकानों में रु.8000 से भी ज्यादा होती है!अलग अलग पानी को इसप्यूरीफायर द्वारा जांचा गया। इसके द्वारा साफ किये हुए पानी को बड़े लैब में भी जांचा गया। हर प्रकार से इसके द्वारा शुद्ध किया गया पानी स्वस्थ एवं स्वच्छ पाया गया।

रक्षित ने इस प्यूरीफायर का नाम ‘जल समाधान’ रखाहै। वे चाहते हैं कि पूरे देश केलोगो को इसका लाभ मिले। 24 वर्षीय रक्षित ने बताया कि ऐसे कई लोग हैं जो वाटरप्यूरीफायर खरीदने में अक्षम है। अगर जल समाधान को गाँवों तक पहुँचाया जाए तो यहबहुत उपयोगी सिद्ध होगा।बंगलुरु की दूसरी समस्या कचरेकी है और इस पर भी रक्षित काम कर रहे है। इन्होंने एकऐसा यंत्र तैयार किया है जिससे घर-घर से निकल रहे कूड़ेको जमा करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इनका यंत्र रसोईघर मेंनिकलने वाले कूड़े को बायोगैस में बदल देगा। विज्ञान में रूचि रखने वाले रक्षित केदिमाग में ऐसे ही और भी कई विचार हैं जिसे वे लोगो तकपहुंचाना चाहते हैं। यदि आप रक्षित से संपर्क करना चाहते हैं तो उन्हें rakshit1383@gmail.com पर मेल कर सकते हैं !

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