भारतीय किसानो की कला समय-समय पर हमारे समक्ष आती रहती हैं। इसी प्रकार 27 वर्षीय युवा किसान दिनेश पाइका ने बंदरों से खेती को बचाने के लिए एक ऐसा उपकरण बनाया है जो हानिरहित है। दिनेश पाइका जी मंगलूरू से 60 किलोमीटर दूर कनियूर गांव, पुत्तूर के निवासी हैं। वह कृषक होने के साथ-साथ बिजली मिस्त्री हैं और अपनी एक कार्यशाला चलाते हैं। वह आई.टी.आई डिप्लोमा धारक भी हैं।
तटीय इलाकों के विशेष कर सुलिया, पुत्तूर और बंतवाल के क्षेत्रों में रहने वाले किसानों कि प्रमुख समस्याओं में से एक समस्या उनकी फसलों को बंदर से पहँुचाने वाली हानि है। विशेष रूप से इन क्षेत्रों में 20-25 के समूहों में बंदर नारियल के पेड़ों पर चढ़कर पेड़ो को और नारियलों को हानि पहुँचाते हैं।
फसलों पर इस तरह हो रहे हमलों से निराश होकर दिनेश पाइका जी ने पी वी सी पाइप का इस्तेमाल करके एक बंदूक बनाई जिससे जानवरों को कोई हानि नहीं पहुंचती लेकिन इस बंदूक की आवाज़ इतनी तेज़ है कि इसकी आवाज़ से बंदर एक सप्ताह तक उस क्षेत्र तक में नहीं आते। इस बंदूक का डिज़ाइन उन्होंने अपने ज्ञान और एक बिजली मिस्त्री के रूप में काम करने अनुभव का उपयोग करके किया। उन्होंने बताया कि सबसे पहले उन्होंने बंदरों की प्रकृति पर अध्ययन किया और उन्हें पता चला कि जानवरों को शोर-शराबा और आवाज़ें पसंद नहीं हैं। जानवरों की इस कमजोरी का पता लगने पर उन्होंने उनकी इस कमज़ोरी का फायदा उठाया और पी वी ई पाइप का उपयोग किया जिससे ज़ोर की आवाज़ आ सके।
इस बंदूक को बनाने के लिए उन्हें 1 इंच चैड़े और 4 इंच लम्बे दो पाइपों के टुकड़े लिए, एक गैस लाइटर, एक रिड्यूसर और एक कार्बाइड का उपयोग किया है। इन सभी को उन्होंने इस तरह से इक्कठा किया है जिससे कार्बाइड की गैस लाइटर के साथ प्रतिक्रिया होने पर विशाल ध्वनि उत्पन्न होती है। जो बंदरों को भगाने के लिए पर्यापत है। इसके अलावा कंकड़ भी फायरिंग के लिए इस्तेमाल किया जासकता है। यह सुनिश्चित है कि इससे पशु डर पाते हैं और किसी को भी कोई शारीरिक क्षति नहीं होती।
पी वी सी पाइप बंदूक के डिज़ाइन के लिए दिनेश जी ने इंटनेट की मदद भी ली। उनकी इस बंदूक की विडियो विभिन्न किसानों के समूह में बहुत लोकप्रिय है। दिनेश जी के अनुसारन इस बंदूक को घर में डिज़ाइन करना और तैयार करना बहुत आसान है। उन्होंने बताया है कि वह हर एक को इस बंदूक के बारे में बताकर उनकी मदद करते हैं। उन्होंने बताया कि इस बंदूक को विकसित हुए अभी केवल 3 महीने ही हुए हैं और उन्होंने अब तक 75 बंदूके बेच दी हैं। उन्होंने बताया कि इस बंदूक से किसानों को बंदरों से तुरंत राहत मिलती है। माना कि यह राहत स्थाई नहीं है लेकिन किसान इस बंदूक का उपयोग सप्ताह दर सप्ताह कर सकते हैं। अब दिनेश जी एक ऐसी बंदूक बना रहे हैं जिसे रिमोट द्वारा कंट्रोल किया जा सकता है जो जी.आई. पाइप से बनाई गई है। इस बंदूक से पी वी सी बंदूक की तूलना में अधिक आवाज़ आयेगी।
दिनेश जी अपने इस उपकरण से हज़ारों किसानों की फसलों को सुरक्षित कर रहे हैं। दिनेश जी ने बताया कि बंदरों के कारण हर वर्ष किसानों को 50,000 रूपयों से भी ज्यादा हानि होती है और अब वे अपने इस अनैच्छिक घाटे से राहत पा सकते हैं क्योंकि इस बंदूक की आवाज़ 50-100 मीटर दूर तक जाती है।
पी वी सी पाइप बंदूक के डिज़ाइन के लिए दिनेश जी ने इंटनेट की मदद भी ली। उनकी इस बंदूक की विडियो विभिन्न किसानों के समूह में बहुत लोकप्रिय है। दिनेश जी के अनुसारन इस बंदूक को घर में डिज़ाइन करना और तैयार करना बहुत आसान है। उन्होंने बताया है कि वह हर एक को इस बंदूक के बारे में बताकर उनकी मदद करते हैं। उन्होंने बताया कि इस बंदूक को विकसित हुए अभी केवल 3 महीने ही हुए हैं और उन्होंने अब तक 75 बंदूके बेच दी हैं। उन्होंने बताया कि इस बंदूक से किसानों को बंदरों से तुरंत राहत मिलती है। माना कि यह राहत स्थाई नहीं है लेकिन किसान इस बंदूक का उपयोग सप्ताह दर सप्ताह कर सकते हैं। अब दिनेश जी एक ऐसी बंदूक बना रहे हैं जिसे रिमोट द्वारा कंट्रोल किया जा सकता है जो जी.आई. पाइप से बनाई गई है। इस बंदूक से पी वी सी बंदूक की तूलना में अधिक आवाज़ आयेगी।
दिनेश जी अपने इस उपकरण से हज़ारों किसानों की फसलों को सुरक्षित कर रहे हैं। दिनेश जी ने बताया कि बंदरों के कारण हर वर्ष किसानों को 50,000 रूपयों से भी ज्यादा हानि होती है और अब वे अपने इस अनैच्छिक घाटे से राहत पा सकते हैं क्योंकि इस बंदूक की आवाज़ 50-100 मीटर दूर तक जाती है।
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