किसान रवि पटेल
मध्यप्रदेश के धार जिले
के रहने वाले
हैं। देशी तकनीक के
ज़रिये रवि पटेल
ने प्याज स्टोरेज का ऐसा
कारगरजुगाड़ निकाला है कि
हर साल प्याज बेचकर
ठीक ठाक लाभ
कमा रहे हैं। कोल्ड
स्टोरेज की वजह
सेरवि पटेल अपने
प्याज खेत से निकालकर
तुरंत नहीं बेचते।
वह कुछ दिन अपने
देशी जुगाड़ तकनीक के
कोल्ड स्टोरेज में
रखकर प्याज के अच्छे
दाम मिलने का इंतज़ार
करते हैं।
प्याज
को खेत से निकालते
ही 2 से 3 रूपये
किलो केभाव पर
बेचने के बजाय
बारिश का मौसम बीत
जाने के बाद
रवि पटेल 30 से
35 रूपये किलो में
प्याज बेचकर लाभ
कमा रहे हैं।
अब तीसरे साल भी
उन्होंने प्याज का इसी तरीके
से स्टोरेज किया
है।दर असल रवि पटेल
जी ने प्याज के
कोल्ड स्टोरेज तैयार
करनेके लिए कोई
भारी भर कम इंतज़ार नहीं
किया है। थोड़ा
सा दीमाग लगाकर
उन्होंने उपयोगी बंदोबस्त किया है।
ऐसे काम करती
है रवि पटेल
जी की टैक्नोलाॅजी:-
1. रवि
जी बंद कमरे
में लोहे की
जाली को ज़मीन से
8 इंच ऊँचा बिछाते
हैं। ऐसा करने के
लिए कुछ कुछ
दूरी परदो दो
ईंटे रखते हैं।
उसके ऊपर प्याज का
स्टोरेज करते हैं।
2.
लगभग 100 स्क्वेयर फीट की
दूरीपर एक बिना
पैंदे की कोठी
रखते हैं। फिर ड्रम
के ऊपरी हिस्से
में एक्जाॅस्ट पंखे लगा
देते हैं।
3. पंखे
की हवा जाली
के नीचले हिस्से से
उठ कर ऊपर
तक आती है। इससे
पूरे प्याजों में
ठंडक रहती है।
4. दोपहर
में हवा गर्म
होती है।इसलिए दिन
की बजाय रात
भरपंखे चलाते हैं।
5. पटेल
जी ने इस
तकनीक से1000 क्विंटल
तक का भंडारणकिया
है। 2000 क्विंटल प्याज जोखे तों
में है उनका
भी वह इसी
तरह से भंडारण करने
वाले है। उन्होंने बताया
कि पिछले साल
उन्होंने बारिश के बाद
200 क्विंटल प्याज35 रूपये किलो
के भाव बेचे
थे।
6. पटेल जी
ने बताया कि
इस तकनीक से 80 प्रतिशत तक
सड़न नियंत्रित होती है।
पहले जहां 10प्याज
खराब होते थे,
तो अब 2 प्याज खराब
होते हैं।
7. वजह
यह है कि
किसी प्याज में सड़न
लगती थी, तो
आसपास के प्याज भी
खराब हो जाते
थे। लेकिन अब कोई
प्याज सड़ता है
तो पंखे की सड़न
से वहीं सूख
जाता है।पटेल जी
कहते हैं कि
प्याज की फसल अमूमन
मार्च-अप्रैल मेंनिकलती
है। इस समय
आवक अधिक होने से
प्याज की मंडी
का भाव 2 से 3 रूपये
किलो तक पहुँच जाता
है। बारिश के
बाद यही भाव30
से 35 रूपये प्रति
किलो न्यूनतम होता है,
लेकिन प्याज गर्मी
से जल्दी खराब होने
के कारण इसका
स्टोरेज किसान के लिए
चुनौती भरा होता है।पटेल
जी ने बताया
किकिसान जहां भंडारण
करते है, वहांपंखे-कूलर की
व्यवस्था करते हैंलेकिन
ढेर में प्याज
एक दूसरे की गर्मी
से ही खराब
हो जाते हैं
इसलिए उन्होंने ऐसी तकनीक
लगाई है किहर
प्याज को ज़मीन
से ठंडक मिलसके।
कोई प्याज खराब
भी हो तोढेर
में मौजूद आस
पास के प्याजखराब
नहीं हों।
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