रेलगाडि़यों में यात्री बोतल बंद पानी का मजा लेने के बाद अक्सर खाली बोतले स्टेशन पर या ट्रेन में ही फेंक देते हैं । केरल राज्य के कोची जिले के अलुवा स्टेशन पर स्वास्थय निरीक्षक के पद पर कार्यरत श्री अरूण कुमार के दिमाग में इस समस्या से निपटने का अनूठा विचार आया। इन्होंने इन खाली बोतलों में खाद और मिट्टी भरवा कर छोटे-छोटे फूलों के पौधे उगा दिये और बोतलों को पटरियों के बीच में लगी बैरीकेड़ पर लटकाना शुरू कर दिया । अलुवा स्टेशन के स्टेशन मास्टर श्री सी बाला कृष्णा ने बताया कि स्वास्थय निरीक्षक अरूण कुमार ने 20 कर्मचारियों की एक टीम बनाई है जो एक जुट होकर सभी कार्यों को अंजाम देती है ।
इस छोटे से प्रयोग ने न सिर्फ रेलवे स्टेशन की खूबसूरती को चार चांद लगाए हैं बल्कि कई अन्य समस्याओं का भी समाधान कर दिया है । अलुवा शहर के इस रेलवे स्टेशन पर प्लास्टिक की बोतलें पटरियों के बीच बने बैरिकेड पर लगाई गई है जिनमें रंग-बिरंगे फूल खिल रहे हैं । वैसे तो सार्वजनिक स्थान पर गिरी हुई प्लास्टिक बोतलें किसी को भी अच्छी नहीं लगती किन्तु अब इनका प्रयोग गमलों के रूप में किया गया तो इन बोतलों की बदौलत चारों ओर खूबसूरती फैल गई।
रेलवे ट्रैक के बीच फूलों से महकते इन गमलों के लग जाने से लोगों द्वारा एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने के लिए पटरियों के प्रयोग पर लगाम लग गई है । लोग अब इसके लिए फुटओवर ब्रिज का प्रयोग करने लगे हैं क्योंकि अब टेªक के बीच इतनी जगह ही नहीं बची है कि यहां से लोग निकल पाएं । एक तरह से यह अच्छा भी है क्योंकि प्लेटफार्म बदलने के लिए लोगों द्वारा पटरियों का प्रयोग होता है जो दुर्घटनाओं की एक प्रमुख वजह है । इस स्टेशन को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए यहां के कर्मचारी भी बहुत मेहनत करते हैं जिससे स्टेशन का दृश्य इतना खूबसूरत हो गया है कि मन को मोह लेता है ।
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